Monday, October 1, 2018

बगैर दाढ़ी के लड़कों को देखना ना जायज़ होने का सुबूत

*बगैर दाढ़ी के लड़कों को देखना ना जायज़ होने का सुबूत*

⭕आज का सवाल नंबर १५००⭕

बागैर दाढ़ी के लड़कों को देखना ना जाइज़ है क्या ये बात हदीस से साबित है ?
इस से बचने के लिया क्या करना चाहिए?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما
हां, इस का ना जाइज़ होना हदीस से भी साबित है, हज़रत अबू रदियल्लाहु अन्हु फ़रमाते है के हुज़ूर सलल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया,
"ईन्सान किसी बे-दाढ़ी के लड़के की तरफ निग़ाह न डाले"

ओर हज़रत अनस रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत है के हुज़ूर सलल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया,
"तुम अमीरों के लड़कों के साथ मत बेठा करो, क्यूँ के नफ़्स उन से ऐसी चीज़ की ख्वाहिश करता है जिस की खूबसूरत लौंडियों से भी नहीं करता"

📗जम्मुल हवा सफा
अल्लामा इब्ने जॉज़ रहमतुल्लाहि अलय्हि की

लवातात से बचने के लीये लड़कों के साथ भी तन्हाई इख़्तियार नहीं करनी चाहिए, लड़कों का मुआमला औरतों से ज़यादा सख़त है क्यूँ के
हज़रात सुफ़याने सोरी रहमतुल्लाही अलय्हि फ़रमाते है के औरत के साथ एक शैतान दिखाई देता है मगर लड़के के साथ दस से ज़यादा शैतान दिखाई देते है।

अगर हम किसी औरत या लड़की के साथ तन्हाई इख़्तियार करेंगे या उस को बोसा देंगे या गले मिलेंगे तो देखने और जाननेवाले ज़िना का यक़ीन या शक़ करेंगे, लेकिन हम किसी लड़के के साथ ये मुआमला करे तो कोई शक़ भी नहीं करेगा, इसलिए के इस गुनाह में  फस्ने का खतरा ज़यादा है।

लिहाज़ा इस से हम भी एहतियात करे और अपनी अवलाद की भी निगरानी करे, ख़ुसूसन उन की दोस्ती और उन का मिलना जुलना हम उम्रों के साथ ही होना चहिये।
📗हया और पाकदामनी सफा २५५ से मस्ख़ुज़
و الله اعلم بالصواب

*इस्लामी तारिख* : १९ मुहर्रमुल हराम१४४० हिजरी
🌙🗓 *इस्लामी तारिख* : १९ मुहर्रमुल हराम १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

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