Tuesday, May 8, 2018

गैर शरई चेहरा रखनेवाले की तरावीह व इमामत*

*गैर शरई चेहरा रखनेवाले की तरावीह व इमामत*

⭕आज का सवाल नंबर १३५१⭕

एक शख्स दाढ़ी मूँडता है,
उस ने सच्चे दिल से तौबा कर ली है और आइन्दह दाढ़ी रखने का पक्का ईरादह कर लिया है,
मगर अभी एक मुश्त दाढ़ी नहीं हुई है और उगना या लम्बी करना उस के इख़्तियार में नहीं है तो कया ऐसे के पीछे फ़र्ज़ नमाज़ और तरावीह मकरूह होगी ?

इसी तरह जो इमाम दाढ़ी मूंडना या एक मुश्त से पहले काटना नहीं छोड़ते ऐसे इमाम के पीछे फ़र्ज़ नमाज़ और तरावीह का कया हुक्म है ?
तफ़्सीलन जवाब इनायत करे.

🔴जवाब🔴
حامدا و مصلیا و مسلما

फकीहुल असर हज़रत मुफ़्ती रशीद अहमद लुधयानी रहमतुल्लाहि अलैहि लिखते हैं : *तौबा के बावजूद ऐसे शख्स की इमामत दो वजह से मकरूह है*

१. एक ये के उस पर अभी तक इस्लाह का असर ज़ाहिर नहीं हुवा है, और ये फैसला नहीं किया जा सकता के आइन्दह इस कबीरह गुनाह से बचने का एहतमाम करेगा या नहीं ?

२. दूसरी वजह ये है के जिन लोगों को तौबा का इल्म नहीं उन को ये गलत फहमी होगी और यही समझेंगे के फ़ासिक़ नमाज़ पढ़ा रहा है, (इस जहालत के दौर में दाढ़ी कटाने वाले की इमामत जाइज़ है ऐसी गलत फहमी फैलने का भी अंदेशा है)

📗अहसनुल फतावा ३/२६२

फकीहुंनफ़्स हज़रत मुफ़्ती किफ़ायतुल्लाह रह. लिखते हैं : अगर दूसरा इस बेहतर इमाम मिल सकता है तो उसे (दाढ़ी मुंडाने वाले को) इमाम न बनाया जाये

📔किफ़ायतुल मुफ़्ती ३/८७

ऐसा इमाम सख्त गुनेहगार है, उस के पीछे नमाज़ मकरूहे तहरीमी है, और वह वाजिबुल ईहानत (बे इज़्ज़ती) है उस को इमाम बनाने में उस की ताज़ीम है, इसलिए उस को इमाम बनाना जाइज़ ही नहीं

📕इम्दादुल मुफ़्तिययीन १/२६१
बा अहवाला शामी १/२७६

अगर कोई ऐसा शख्स ज़बरदस्ती इमाम बन गया या ट्रस्टियों ने बना दिया और हटाने पर क़ुदरत ना  हो तो किसी दूसरी मस्जिद में नेक-सालिह इमाम तलाश करे, अगर न मिले तो जमात न छोड़े, बल्कि उस फ़ासिक़ के पीछे ही नमाज़ पढ़ ले, उस का अज़ाब और वबाल मस्जिद के मुन्तज़िमीन -ज़िम्मेदारों पर होगा

📓अहसनुल फतावा ३/२६

उस को इमाम बनाना मकरूह है, अल्बत्ताह अगर वह खुद इमाम बनकर नमाज़ पढ़ावे तो नमाज़ हो जाएगी अगरचे वह सवाब न मिले जो मुत्तक़ी इमाम के पीछे पढ़ने से मिलता है.

📘फतावा महमूदिया ७/४३

इसीतरह अगर सब मुक़्तदी दाढ़ी मूंडे हो तो दाढ़ी मुंडाने वाला इमाम बन जाये

📙किफ़ायतुल मुफ़्ती ३/५७

📚मसाइल इमामत ५८ से ६० का खुलासा.
و الله اعلم بالصواب

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

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