Thursday, May 24, 2018

सफर  में  रोज़े  का  हुक्म

*सफर  में  रोज़े  का  हुक्म*

⭕आज  का  सवाल  नंबर. १३६७⭕

सफर  की  हालत में  रोज़ा  रखना  अफ़ज़ल  हे  या  न  रखना  अफ़ज़ल  हे.?

🔵जवाब🔵

जो  आदमी  अपने  घर  से  सवा  सतत्तर  (७७.२५ )किलो  मीटर  के  सफर  का  इरादा  करके  निकले  वह  शरअन  मुसाफिर  हे  और  मुसाफिर  को     
सफर  की  हालत  में  रोज़ा  रखने  और  न  रखने  दोनों  की  इजाज़त  हे.

अगर  रोज़ा  रखने  में  तकलीफ  और  कमज़ोरी  का  अंदेशा  हो  या  साथियों  को  तकलीफ  और   परेशानी  होती  हो  तो  रोज़ा  ना  रखना  अफ़ज़ल  हे. घर  पहुंच  कर  क़ज़ा   करले.

और  अगर  कमजोरी   और  तकलीफ  का  डर ना  हो  तो  रोज़ा  रखना  अफ़ज़ल  हे.

📗फतावा  रहीमिया  जिल्द  ४  सफा  ५६.

📕फतावा  दिनियय्या  गुजराती

واللہ اعلم

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया

http://www.aajkasawalhindi.page.tl

No comments:

Post a Comment

AETIKAF KE MAKRUHAAT

*AETIKAF KE MAKRUHAAT* ⭕AAJ KA SAWAL NO.2101⭕ Aetikaaf kin cheezon se makrooh hota hai?  🔵JAWAB🔵 Aetikaf niche dee hui baton se makrooh ho...