Tuesday, January 24, 2017

*"E CODE" वाली चीजें खाना*

*"E CODE" वाली चीजें खाना*

⭕आज का सवाल न. ९०५⭕

जिसमे हराम जानवर की चरबी मिलायी गयी हो उस खाने पीने की चीजों में "E" के आठ खास कोड नंबर आते है, जो मेसेज से भी चलाये जाते है, उसके खाने का क्या हुक्म है ?
उसकी तहक़ीक़ हो तो भी बताने की दरखास्त.

🔵आज का जवाब🔵

حامداومصلیاومسلما

शरीयत ने जीन चीजों को हराम करार दिया है अगर उनकी हकीकत और माहिय्यत असलियत [उसका रंग खुशबू ज़ाइक़ा / उसकी अहम् सिफ़तें / गुन] किसी किमियाइ [केमिकल] डालने से बदल जाये तो उनका पहला हुक्म [हराम मकरूह होने का] बाक़ी नहीं रहता.    

किसी चीज़ की वह खास और बुनयादी सिफ़तें - गुन जिन  से  उस  चीज़  की  पहचान  होती  है . वो ही  उस  चीज़  की  हकीकत  और  माहिय्यत -असलिय्यत  होती  है .

इस्लामिक  फ़िक़ह  अकादमी  इंडिया  के  सामने  फन  के  माहिरीन -(मास्टर्स)  खास  जानकारी  रखने वाले  के  ज़रिये  जो  तहक़ीक़  सामने  आयी  है  उस  के  मुताबिक़  (अगर  वह  कोड  जेलेटिन  के  है  तो) जेलेटिन  में  उन  जानवरों  की  खालों और  हड्डियों  की  हकीकत  बाकी  नहीं  रहती  है, जिन  कोलेजन  (एक  क़िस्म  का  प्रोटीन) से  जेलेटिन  बनाया  जाता  है, बल्कि  वह  एक  नयी  हकीकत  के  साथ  नयी -अलग  चीज़  हो  जाती  है, इसलिए  उस  के  इस्तेयमाल  की  गुंजाईश  है.

📚(नये मसाइल  और  फ़िक़ह  अकादमी  के  फैसले,  सफा १८२)
१४ वाँ - फिक़ही  सेमिनार  हैदराबाद  २२  जून  २००४)

अगर  कोड  लगी  हुई  चीज़ों  में  चर्बी  की  चिकनाहट  बिलकुल  नहीं  है  तो  वह  चीज़  हलाल  है, जैसे  बाज़  क्रीम  बगैर  की  बिस्कुट  के  बारे  में  मशहूर  है  के  उस  में  ख़िन्ज़ीर  की  चरबी  डाली  गई  है  और  उस  पर  उस  का  कोड  भी  है, लेकीन  उस  बिस्कुट  में  चरबी  की  ज़र्रा  बराबर  चिकनाहट  मव्जूद  नहीं  तो  वह  बिस्कुट हलाल  है,
अगर  उस  में  चरबी  डाली  भी  गई  हो  तो  प्रोसेस की  वजह  से  उस  का  असर  बिलकुल  बाकी  नहीं  है.
अज़  अहक़र.
“अगर  कोई  कंपनी  हराम खाना बनाने  में  मशहूर  न  हो  तो  महज़  किसी  मख़सूस  कोड  या  किसी  कंपनी  की  चीज़  होने  की  वजह  से  किसी  चीज़  को  शरीअत  में  हराम  या  हलाल  क़रार  नहीं  दिया  जा  सकता,  मगर  ये  के  यक़ीन  के  साथ  ये  बात  मालूम  हो  जाये  के  उस  "E COD"E के  अज्ज़ा  इ  तरकिबियाह [ingredients] (डाली  गयी  चीजें)
में  कोई  चीज़  हराम  है  और  किसी  किमयावी [केमिकल] के  तरीक़ह  से  उस  की  हकीकत  और  माहियत [असलियत]  को  तब्दील  नहीं  किया गया  तो  उस  चीज़  से  बचना  लाज़िम  होगा.

जब  के  तक़वा  का  तक़ज़ाह  ये  है  जिस  चीज़  की  हुरमत  व  हिल्लत  में  शक  हो  तो  उसे  इसतीमाल  में b लाने से  बचना  चाहिए.

📚(अहम्  मसाइल  ६ / २९८)

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी  सूरत गुजरात इंडिया

No comments:

Post a Comment

AETIKAF KE MAKRUHAAT

*AETIKAF KE MAKRUHAAT* ⭕AAJ KA SAWAL NO.2101⭕ Aetikaaf kin cheezon se makrooh hota hai?  🔵JAWAB🔵 Aetikaf niche dee hui baton se makrooh ho...