*निकाह का आसान तरीक़ा*
⭕आज का सवाल नंबर १५७०⭕
निकाह का क्या तरीक़ा है जिस में कौन सी चीज़ फ़र्ज़ वाजिब है और कौन सी नहीं ?
🔵 आज का जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
निकाह नाम है दो मुसलमान,आक़िल, बालिग मर्द या एक मर्द, दो औरत, इन गवाहों की मवजूदगी में मर्द औरत के इज़ाब व क़ुबूल करने का (याने औरत या उसका वकील (औरत का भेजा हुवा) कहे के मैंने निकाह किया, या वकील कहे मेने निकाह में दिया और मर्द कहे के मैंने क़ुबूल किया) जिस में कम से कम ३१ ग्राम चांदी की कीमत का महर वाजिब है. उस का भी निकाह के वक़्त देना ज़रूरी नहीं, बल्कि बेहतर है, वरना उधार भी रख सकते है.
जिस में क़ाज़ी का होना, ख़ुत्बे और वलीमे का होना, छुवारे तक़सीम करना सुन्नत है, फ़र्ज़ या वाजिब नहीं. हनफ़ियाह के नज़दीक निकाह इतना आसान है के बालिग लड़की को वालिदैन की इजाज़त भी शर्त नही बल्कि बेहतर है कोई इस तरह निकाह कर ले तो जीना -बदकारी में मुब्तला होने की या गैर के साथ निकाह कर के मुर्तद होने की नौबत ही न आये.
📗इस्लामी शादी
📘मजमू ए क़वानीन ए इस्लाम से मअख़ूज़
و الله اعلم بالصواب
🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
२९ रबीउल अव्वल १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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