*निकाह में खानदान, बिरादरी का ऐतिबार*
⭕आज का सवाल नंबर १५८५⭕
निकाह के बारे में इस्लाम भी खानदान का ऐतिबार करता है ?
फुलां खानदान या फुलां बिरादरी ही में हम तो निकाह करेंगे ये सोच सहीह है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
हर खानदान के रहन सहन खाने पीने की चीज़ें और उस के तरीके और अवक़ात, खानदान के रस्मो रिवाज, ज़बान, वगेरह चीजें अलग अलग होती है,
रिश्ता, मुहब्बत बाकी रहे और आपस में किसी क़िस्म का झगड़ा न हो इस लिए इन चीज़ों को आपस में मिलना ज़रूरी और बेहतर है,
और ऊँचे खानदान वाले नीचे खानदान वाले लड़के से निकाह करे तो इंसानी मिज़ाज उसे ऐब और शर्म समझता है, हालां के ये चीज़ें ऐब और शर्म की नहीं है, और हर चीज़ में असल तरीका तो शरीअत ही का होना चाहिए, और असल इज़्ज़त की चीज़ तक़वा और परेज़गारी है,
लेकिन शरीअत ने निकाह के नाज़ुक रिश्ते को निभाने के लिए कुफु (निकाह में बराबरी) की रिआयत को ज़रूरी क़रार दिया, साथ साथ में निकाह के वाली (निकाह करने का इख़्तियार रखने वाले रिश्तेदार) की इजाज़त से गैर बराबरी में निकाह करने का इख़्तियार देकर असल शरई क़ानून को भी मलहूज़ रखा।
📗दरसे तिर्मिज़ी ४/३४९ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१५ रबी उल आखर १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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