Saturday, December 29, 2018

2⃣0⃣1⃣9⃣ *NEW YEAR MANANA

2⃣0⃣1⃣9⃣
*NEW YEAR MANANA*

⭕AAJ KA SAWAL NO. 1593⭕

New year manana ya manane walon ko unki lighting aur aatishbaazi ko dekhne jana kaisa hai?

🔵JAWAB🔵

حامد و مصلیا و مسلما

New year manana yeh  isaiyon (nasara - Christian) ka tariqah hai. Huzoor SALALLAHU ALAIHI WASALLAM ka irshad hai, *"jis ne jis qaum ki mushabahat (copy-nakal) utari kal qayamat me usko unhi ke saath uthaya jayega"* ya'ani uska shumaar bhi unhi me hoga.

qaazi sanaaullah panipati rahmatullahi alayhi ne maslaa likha hai ke koi shakhs diwali me baahar nikle aur diwali ki (roshni-atishbazi wagairah) ko dekhkar kahe ke kitna achchha tariqah hai to uske tamaam nek a'amaal barbad ho jayenge.

📗(MAALAA BUDDA MINHOO)

*_Isee tarah new year manane walon ko dekhne jana bhi jaiz nahin_* kyun ke Huzur salallahu alayhi wasallam ka irshade mubarak hai ke "jis ne jis qaum ki ta'adaad ko barhaaya uska shumar bhi un hee me hoga", lihaza is raat me bahaar roshni aatishbazi dekhne jana, khane pine ki party karna, naye saal ki mubarakbadi dena, naye saal ki khushi manana,ek dusre ko gift dena wagairah jitne unke tariqah hai sab na-jaiz aur iman ko barbad karnewale hai ibrat ke liye ek qissah paish karta hun

*NASRANIYON KE TAUR-O-TARIQE PASAND KARNE WALE AALIM KA IBRATNAAK QISSAH*

📄Hazrat imaam-e-Rabbani maulana Rashid Ahmad Gangohi rh. ne irshad farmaya :

Kanpur me koi nasraani jo kisi a'ala ohde par tha woh muslaman ho gaya tha, Magar asliyyat chhupa rakhi thi,
Ittefaq se uska tabadla (transfer) kisi dusri jagah ho gaya, usne un molvi sahab ko jisse usne islam ki baaten sikhi thi, apne tabadla se muttale'a kiya (ittela di) aur tamanna ki ke kisi deendaar shakhs ko mujhe den, jisse ilm haasil karta rahun, chunanche molvi sahab ne apne ek shagird ko unke sath kar diya,

Kuchh arse baad yeh nasrani (jo musalman ho chuka tha) wo bimar huwa to molvi sahab ke shagird ko kuchh rupiye diye, aur kaha ke jab me mar jaaun aur isaai jab mujhe apne qabrastan me dafan kar aaye to raat ko ja kar mujhe wahan se nikalna aur muslamano ke qabrastan me dafan kar dena,

Chunanche waisa hi huva, jab molvi sahab ke shagird ne hasbe wailsiyyat jab qabr kholi to dekha ke usme woh nasrani nahin, Albatta woh molvi sahab pade huve hai, to sakht pareshan (sharminda) huva ke yeh kya maazra hai..! Mere ustaad yahaan kaise..!

Aakhir daryaft karne se malum huva ke maulana sahab nasrani ke toro tariqo ko pasand karte the aur use achchha jaante the.

📘(Irshadate hazrat gangohi rh. safa 65)

👇🏻👇🏻👇🏻

*_Mere bhaiyo, yeh molvi sahab sirf gairon ke tariqon ko pasand karte the, us par chalte nahi the, to Allah ne duniya hi me jiska tariqah unko pasand tha uske saath hashr kar diya,_*

```Hum to gairon ke tariqon par shauq se chalte hai, balke us par naaz karte hai, to hamara kyaa hashr hoga..! sochiye```

_Aur apni Awlad, bhai bahan dost ahbab ko samjhaiye ya kam se kam yeh msg bhejkar ya padhkar sunakar unko in gairon ki khushi me shirkat se roken_

👏🏻Allah hamen taufiq de.
Aamin.

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* :
22 RABIUL AAKHAR 1440 HIJRI

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi Chishti.
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
https://aajkasawal.in/2019-new-year-manana/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

2⃣0⃣1⃣9⃣ *न्यू ईयर मनाना

2⃣0⃣1⃣9⃣ *न्यू ईयर मनाना*

⭕आज का सवाल नंबर १५९३⭕

न्यू ईयर मनाना या मनाने वालों को उन की लाइटिंग और आतिशबाज़ी को देखने जाना केसा है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

न्यू ईयर मनाना ये ईसाईयों-नसारा का तरीका है.
हुज़ूर ﷺ   का इरशाद है :
*जिसने जिस क़ौम की मुशाबेहत-कॉपी-नक़ल उतारी कल क़यामत में उस को उन ही के साथ उठाया जायेगा*

यानि उस का शुमार भी उन ही में होगा.

क़ाज़ी सनाउल्लाह पानीपती रहमतुल्लाहि अलैहि ने मसला लिखा है के
कोई शख्स दिवाली में बाहर निकले और दिवाली की (रौशनी-आतिशबाज़ी वगैरह) को देखकर कहे के कितना अच्छा तरीका है तो उस के तमाम नेक अमाल बर्बाद हो जायेंगे.

📗माला बुड्ढामिनहु

इसी तरह न्यू ईयर मनाने वालों को देखने जाना भी जाइज़ नहीं, क्यों के हुज़ूर ﷺ  का इरशादे मुबारक है के
*जिस ने जिस क़ौम की तादाद को बढ़ाया उस का शुमार भी उन ही में होगा*

लिहाज़ा इस रात में बहार रौशनी आतिशबाज़ी देखने जाना, खाने पिने की पार्टी करना, नए साल की मुबारकबादी देना, साल की ख़ुशी मनाना, दूसरे को गिफ्ट देना, वगैरह जितने तरीके उन के तरीके है सब नाजाइज़ और ईमान को बर्बाद करनेवाले है.

*इबरत के लिए एक क़िस्सा पेश करता हूँ*👇👇👇

*📄नसरानीओ के तौर-तरीके पसंद करने वाले आलिम का इबरतनाक क़िस्साह*📄

हज़रात इमाम-इ-रब्बानी मौलाना रशीद अहमद गंगोही रह. ने इरशाद फ़रमाया :
कानपूर में कोई नसरानी जो किसी आ'ला ओहदे पर था वह मुसलमान हो गया था, मगर असलिय्यत छुपा राखी थी, उसका तबादला (ट्रांसफर) किसी दूसरी जगह हो गया, उसने उन मौलवी साहब को जिससे उसने इस्लाम की बातें सीखी थी अपने तबादला से मुत्तले' किया (इत्तेला दी) और तमन्ना की के किसी दीनदार शख्स को मुझे दें, जिससे इल्म हासिल करता रहूं, चुनांचे मौलवी साहब ने अपने एक शागिर्द को उनके साथ कर दिया, अरसे बाद ये नसरानी (जो मुस्लमान हो चूका था) वो बीमार हुवा तो मौलवी साहब के शागिर्द को कुछ रुपये दिए और कहा के जब में मर जाऊं और ईसाई जब मुझे अपने क़ब्रस्तान में दफ़न कर आये तो रात को जा कर मुझे वहां से निकलना और मुसलमानो के क़ब्रस्तान में दफ़न कर देना, वैसा ही हुवा, जब मौलवी साहब के शागिर्द ने हस्बे वसिय्यत जब क़ब्र खोली तो देखा के उसमे वो नसरानी नहीं अलबत्ता वो मौलवी साहब पड़े हुवे है, तो सख्त परेशां (शर्मिंदा) हुवा के ये क्या माज़रा है..!

मेरे उस्ताद यहां कैसे..!

आखिर दरयाफ्त से मालूम हुआ के मौलाना साहब नसरानी के टोरो तरीक़ो को पसंद करते थे और उसे अच्छा जानते थे.

📘(इर्शादते हज़रात गंगोही रह. सफा ६५)👇🏻👇🏻👇🏻

मेरे भाइयो ये मौलवी साहब सिर्फ गैरों के तरीकों को पसंद करते थे उस पर चलते नहीं थे, तो अल्लाह ने दुनिया ही में जिसका तरीक़ा उनको पसंद था उसके साथ हश्र कर दिया, तो गैरों के तरीकों पर शौक़ से चलते है बल्कि उस पर नाज़ करते है तो हमारा क्या हश्र होगा..!

सोचोऔर अपनी अवलाद भाई बहन दोस्त अहबाब को समझाइये, या कम से कम ये मेसेज भेजकर या पढ़कर सुनकर उन को इन गैरों की ख़ुशी में शिरकत से रोकें

👏🏻अल्लाह हमें तौफ़ीक़ दे.
आमीन.

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
२२ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/2019-न्यू-ईयर-मनाना/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab2⃣0⃣1⃣9⃣ *न्यू ईयर मनाना*

⭕आज का सवाल नंबर १५९३⭕

न्यू ईयर मनाना या मनाने वालों को उन की लाइटिंग और आतिशबाज़ी को देखने जाना केसा है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

न्यू ईयर मनाना ये ईसाईयों-नसारा का तरीका है.
हुज़ूर ﷺ   का इरशाद है :
*जिसने जिस क़ौम की मुशाबेहत-कॉपी-नक़ल उतारी कल क़यामत में उस को उन ही के साथ उठाया जायेगा*

यानि उस का शुमार भी उन ही में होगा.

क़ाज़ी सनाउल्लाह पानीपती रहमतुल्लाहि अलैहि ने मसला लिखा है के
कोई शख्स दिवाली में बाहर निकले और दिवाली की (रौशनी-आतिशबाज़ी वगैरह) को देखकर कहे के कितना अच्छा तरीका है तो उस के तमाम नेक अमाल बर्बाद हो जायेंगे.

📗माला बुड्ढामिनहु

इसी तरह न्यू ईयर मनाने वालों को देखने जाना भी जाइज़ नहीं, क्यों के हुज़ूर ﷺ  का इरशादे मुबारक है के
*जिस ने जिस क़ौम की तादाद को बढ़ाया उस का शुमार भी उन ही में होगा*

लिहाज़ा इस रात में बहार रौशनी आतिशबाज़ी देखने जाना, खाने पिने की पार्टी करना, नए साल की मुबारकबादी देना, साल की ख़ुशी मनाना, दूसरे को गिफ्ट देना, वगैरह जितने तरीके उन के तरीके है सब नाजाइज़ और ईमान को बर्बाद करनेवाले है.

*इबरत के लिए एक क़िस्सा पेश करता हूँ*👇👇👇

*📄नसरानीओ के तौर-तरीके पसंद करने वाले आलिम का इबरतनाक क़िस्साह*📄

हज़रात इमाम-इ-रब्बानी मौलाना रशीद अहमद गंगोही रह. ने इरशाद फ़रमाया :
कानपूर में कोई नसरानी जो किसी आ'ला ओहदे पर था वह मुसलमान हो गया था, मगर असलिय्यत छुपा राखी थी, उसका तबादला (ट्रांसफर) किसी दूसरी जगह हो गया, उसने उन मौलवी साहब को जिससे उसने इस्लाम की बातें सीखी थी अपने तबादला से मुत्तले' किया (इत्तेला दी) और तमन्ना की के किसी दीनदार शख्स को मुझे दें, जिससे इल्म हासिल करता रहूं, चुनांचे मौलवी साहब ने अपने एक शागिर्द को उनके साथ कर दिया, अरसे बाद ये नसरानी (जो मुस्लमान हो चूका था) वो बीमार हुवा तो मौलवी साहब के शागिर्द को कुछ रुपये दिए और कहा के जब में मर जाऊं और ईसाई जब मुझे अपने क़ब्रस्तान में दफ़न कर आये तो रात को जा कर मुझे वहां से निकलना और मुसलमानो के क़ब्रस्तान में दफ़न कर देना, वैसा ही हुवा, जब मौलवी साहब के शागिर्द ने हस्बे वसिय्यत जब क़ब्र खोली तो देखा के उसमे वो नसरानी नहीं अलबत्ता वो मौलवी साहब पड़े हुवे है, तो सख्त परेशां (शर्मिंदा) हुवा के ये क्या माज़रा है..!

मेरे उस्ताद यहां कैसे..!

आखिर दरयाफ्त से मालूम हुआ के मौलाना साहब नसरानी के टोरो तरीक़ो को पसंद करते थे और उसे अच्छा जानते थे.

📘(इर्शादते हज़रात गंगोही रह. सफा ६५)👇🏻👇🏻👇🏻

मेरे भाइयो ये मौलवी साहब सिर्फ गैरों के तरीकों को पसंद करते थे उस पर चलते नहीं थे, तो अल्लाह ने दुनिया ही में जिसका तरीक़ा उनको पसंद था उसके साथ हश्र कर दिया, तो गैरों के तरीकों पर शौक़ से चलते है बल्कि उस पर नाज़ करते है तो हमारा क्या हश्र होगा..!

सोचोऔर अपनी अवलाद भाई बहन दोस्त अहबाब को समझाइये, या कम से कम ये मेसेज भेजकर या पढ़कर सुनकर उन को इन गैरों की ख़ुशी में शिरकत से रोकें

👏🏻अल्लाह हमें तौफ़ीक़ दे.
आमीन.

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
२२ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/2019-न्यू-ईयर-मनाना/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

निकाह के लिए दीन और माल में बराबरी

*निकाह के लिए दीन और माल में बराबरी*

⭕आज का सवाल नंबर १५९२⭕

औरत के निकाह के लिए शोहर की दीनदारी और माल में बराबरी का क्या मतलब है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

दीनदारी में बराबरी का मतलब यह है के ऐसा शख्स जो दीन का पाबन्द नहीं, बदमाश, गुंडा, शराबी और बदकार हो, ऐसा शख्स नेक बखत परहेज़गार, दीनदार औरत के बराबर नहीं समझा जाएगा।

ओर माल में बराबरी के माने ये है के बिलकुल मुफ़लिस, कँगाल, मोहताज़ शख्स, मालदार औरत के बराबर का नहीं है,

लीहाज़ा दोनों की शादी वाली, बाप, दादा वग़ैरा ज़िमेदार की इजाज़त के बगैर नहीं हो सकती।

ओर अगर वह बिलकुल मुफलिस नहीं बाल्कि जितना महर पेहली रात को देने का दस्तूर-रिवाज है उतना महर दे सकता हो, अगरचे पूरा महर एक साथ दे न सके और नफ़्क़ा-खर्चा भी, तो अपनी उस बीवी के जोड़ का और मुनासिब दे सकता है तो वह बराबरी ही का है ।

ओर यह ज़रूरी नहीं के जित्ने मालदार लड़की वाले हो वह भी उतना ही मालदार हो या उसके क़रीब क़रीब मालदार हो।

📗 फ़तावा आलमगिरि, २/२९९

📘दरसी बहिश्ती ज़ेवर सफा ३५३

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
२१ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✏हक़ का दायी अन्सार अहमद

®तस्दीक़ व इज़ाफ़ा
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
🌍 http://www.aajkasawal.in

🌍

Friday, December 28, 2018

DEEN AUR MAL ME BARABARI

*DEEN AUR MAL ME BARABARI*

⭕AAJ KA SAWAL NO.606⭕

Aurat ke nikah ke liye Shohar ki Deendaari aur maal me Baraabari ka kya matlab hai?

🔵JAWAB🔵

Deendaari me baraabari ka matlab yeh hai ke aisa shakhs Jo Deen ka paaband nahin, Badmash, gunda,Sharabi aur Badkaar ho, Nek bakht parhezgar, deendaar Aurat ke baraabar nahin samjha jaega.
Aur Maal me baraabari ke ma’ani ye he ke bilkul muflis kangaal mohtaaj shakhs maaldar Aurat ke baraabar ka nahin hai,lihaza dono ki shadi wai-bap, dada wagaira zimedar ki ijazat ke bagair nahi ho sakti.
Aur agar woh bilkul muflis nahin balki jitnaa mahar pehli raat ko dene ka dastoor-riwaj hai utna mahar de sakta ho, agarche pura mahar ek sath de na sake aur nafqa-kharcha bhi to Apni us bivi ke Jod ka aur munasib de sakta hai to woh baraabari hi ka hai
Aur yeh zaruri nahin ke jitne maaldar ladki wale? ho woh bhi utna hi maaldar ho ya uske qareeb qareeb maaldaar ho.

📗 Fatawa Aalamgiri, 2/299

📘DARSI BAHISHTI ZEWAR SAFA 353

✏HAQ KA DAYEE ANSAR AHMAD

®TASDEEQ WA IZAFA IMRAN ISMAIL
MEMON GUFIRA LAHOO
USTAZE DARUL ULOOM RAMPURA SURAT GUJRAT INDIA

📲Roman urdu me masail ke liye zaroor dekhe

www.aajkasawal.page.tl

💻Hamre Sabhi Sawal jawab Aur Bhi baht kuch Message pane Ke liye slamic Group Application download Kre.. 👇🏿

https://play.google.com/store/apps/details?id=com.islam.group

Thursday, December 27, 2018

رخصتی کا اسلامی طریقہ؟

*رخصتی کا اسلامی طریقہ؟*

⭕ آج کا سوال نمبر ١٥۹۰⭕

شادی ہوجانے کے بعد دلھن کو اس کے شوہر کی یہاں رخصت کرنے کا اسلامی طریقہ کیا ہے؟

🔵 جواب 🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

دلہن کو دلہن کے گھر سے کسی لڑکی یا خادمہ کے ساتھ یا لڑکوں کے گھر کی عورتوں کے ساتھ بھیجا جائے, *حضور صلی اللہ علیہ وسلم نے اپنی صاحبزادی حضرت فاطمہ رضی اللہ عنہا* کو اپنی خادمہ ام ایمن کے ساتھ حضرت علی رضی اللہ عنہ کی یہاں بھیج دیا تھا,

رخصتی کے کوئی خاص طریقے شریعت میں نہیں ہیں لیکن رخصتی نہایت سادگی کے ساتھ ہونی چاہیے *آج کل رخصتی رات بہت دیر سے ہوتی ہے جس کی وجہ سے فجر کی نماز قضاء یا سستی کے ساتھ ہونے کا خطرہ ہوتا ہے جو بہت ہی غلط ہے,* ساتھ میں جہیز کا سامان بھیجنا ضروری نہیں بعد میں بھی بھیجا جا سکتا ہے,

📘 مسائل نکاح و احکام طلاق صفہ ١۲٥

واللہ اعلم بالصواب

✍🏻مفتی عمران اسماعیل میمن حنفی چشتی

🕌استاذ دار العلوم رام پورا سورت گجرات ھند

🗒 کلینڈر🗒

🌙١۹۔۔۔۔۔ ربیع الاخر

🌴۱۴۴۰۔۔۔۔۔۔۔ھجری

रुखसती का इस्लामी तरीक़ा

*रुखसती का इस्लामी तरीक़ा*

⭕आज का सवाल  नंबर १५९०⭕

*शादी हो जाने के बाद दुल्हन को उस के शोहर के यहां रुख्सत करने का इस्लामी तरीक़ा क्या है ?*

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

दुलहन को दुल्हन के घर की किसी लड़की या खदिमा के साथ, या लड़कों के घर की औरतों के साथ भेजा जाये।

हुज़ूर ﷺ ने अपनी साहबज़ादी हज़रात फ़ातिमा रदियल्लाहु अन्हा को अपनी खदिमा उम्मे अयमन के साथ हज़रत अली रदियल्लाहु अन्हु के यहाँ भेज दिया था।

रुखसती का कोई खास तरीक़ा शरीअत में नहीं है, लेकिन रुखसती निहायत सादगी के साथ होनी चाहिए।

आज कल बहुत देर रात से रुखसती होती है, जिस में फज्र की नमाज़ क़ज़ा या सुस्ती के साथ होने का खतरा होता है, जो बहुत ही गलत है।

साथ में जहेज़ का सामान भेजना ज़रूरी नहीं, बाद में भी भेजा जा सकता है।

📗मसाइल निकाह व अहकामे तलाक़ सफा १२५

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१९ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/रुखसती-का-इस्लामी-तरीक़ा/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

RUKHSATI KA ISAMI TAREEQA

*RUKHSATI KA ISAMI TAREEQA*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1590⭕
Shadi ho jane ke baad dulhan ko us ke shohar ke yahsn rukhsat karne ka islami tareeqa kya hai?

🔵JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما
Dulhan ko dulhan ke ghar ki kisi ladki ya khadimaa ke sath ya ladkon ke ghar ki aorton ke sath bheja jaye Huzoor SALALAHU ALAYHI WASALLAM ne apni sahabzadi hazrat fatima Radeeyallahu anha ko apni khadima umme ayman ke sath hazrat ali Radeeyallahu anhu ke yahan bhej diya tha rukhsati ke koi khas tareeqa shareeat me nahi hai lekin rukhsati nihayat sadgi ke sath honi chahiye Aaj kal raat bahut der se rukhsati hoti hai jis me fajr ki namaz qaza ya susti ke sath hone ka khatra hota hai jo bahut hi galat hai. sath me jahez ka saman bhejna zaroori nahi baad me bhi bheja ja sakta hai.

MASAILE NIKAH WA AHKAME TALAQ SAFA 125

و الله اعلم بالصواب

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* :  RABEEUL AAKHAR 1440 HIJRI

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
🌍 http://www.aajkasawal.in
🌍 http://aajkasawal.page.tl

🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

Tuesday, December 25, 2018

मौत पर कितने दिन सोग मनाये

*मौत पर कितने दिन सोग मनाये*

⭕आज का सवाल नंबर १५८९⭕

कीसी का इन्तिक़ाल हो जाये तो घरवालों को कितने दिन सोग मनाना जाइज़ है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

मरहूम की बेवा के अलावा दूसरे घरवालों और रिशतेदारों को ३ दिन से ज़यादा सोग मनाना जाइज़ नहीं।

(लिहाज़ा आजकल जो लोग ३ दिन बाद भी तय शुदा निकाह नहीं करते या निकाह, ईद वगैरह ख़ुशी के जाइज़ मोके पर नहीं जाते ये सहीह नहीं।)

📗जदीद मुआमलात के शरई अहकाम ३/२५३

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१८ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/मौत-पर-कितने-दिन-सोग-मनाये/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

मौत पर कितने दिन सोग मनाये

*मौत पर कितने दिन सोग मनाये*

⭕आज का सवाल नंबर १५८९⭕

कीसी का इन्तिक़ाल हो जाये तो घरवालों को कितने दिन सोग मनाना जाइज़ है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

मरहूम की बेवा के अलावा दूसरे घरवालों और रिशतेदारों को ३ दिन से ज़यादा सोग मनाना जाइज़ नहीं।

(लिहाज़ा आजकल जो लोग ३ दिन बाद भी तय शुदा निकाह नहीं करते या निकाह, ईद वगैरह ख़ुशी के जाइज़ मोके पर नहीं जाते ये सहीह नहीं।)

📗जदीद मुआमलात के शरई अहकाम ३/२५३

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१८ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/मौत-पर-कितने-दिन-सोग-मनाये/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

MAUT PAR SOOG KITNE DIN MAAYE

MAUT PAR SOOG KITNE DIN MAAYE*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1589⭕

Kisi ka intiqal ho jaye to gharwalon ko kite di sog manana jaiz hai.?

🔵JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما
Marhoom ki bewa e alawa dusre gharwalon aur rishtedaron ko 3 din se zayada sog. Manana jaiz nahi. (Lihaza aajkal jo log 3 din baad bhi tay shuda nikah nahi karte ya nikah, eid wagairah khushi ke jaiz moqe par nahi jate ye saheeh nahi.)

JADEED MUAMALAT KE SHAREE AHAAM 3/253

و الله اعلم بالصواب

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* : 18 RABEEUL AAKHAR 1440 HIJRI

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
🌍 http://www.aajkasawal.in
🌍 http://aajkasawal.page.tl

🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

Monday, December 24, 2018

RULING REGARDING WISHING MERRY CHRISTMAS

*RULING REGARDING WISHING MERRY CHRISTMAS*

⭕Today's Question no. 1588⭕

Merry Christmas means "Congratulations for being blessed a son to God". What is the ruling regarding saying it?

🔵Answer🔵

Merry means happiness, Christ means Jesus and mass means gathering. The entire word means "gathering for celebrating birth of Jesus Christ". The one you mentioned is not its meaning. However, wishing someone Merry Christmas more or less means the same thing. The one qho says it will not be considered Kaafir or Mushrik, however there is a danger of saying words which is not allowed and imitating them and hence better to avoid it as he will be considered to commit a major sin.

📙MAKHOOZ AZ MAALA BUDDA MINHU OXFORD DICTIONARY

And Allah swt knows best.

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* :
17 RABIUL AAKHAR 1440 HIJRI

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi Chishti.
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
🌍 http://www.aajkasawal.in
🌍 http://aajkasawal.page.tl

🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

MERRY CHRISTMAS KEHNE KA HUKM

*MERRY CHRISTMAS KEHNE KA HUKM*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1588⭕

Merry Christmas ka ma'ana baaz kehte hai ke "mubarak ho khuda ko beta huva hai" hota hai ke to kya us kehne se kafir ya mushrik ho jayega?

🔵JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

merry ke ma'ane khushi Christ ke ma'ane maseeh-isaa mast ke ma'ane jamaa hona pura ma'ana huva isaa ki khushi me jama hona ya'ani unki wiladat ki khushi me jama hona.

Aap ne jo bataya wohi us ka lafzi tarjamaa nahi hota lekin aisa kehne me unka yahi aqeedah aur maqsad Chhupa hota hai lihaza lafzi tarjama kufr ka na hone ki wajah se kufr se bachane ki ye taweel mavjood hai isliye is ka kehne wala kafir ya mushrik to na kaha jayega lekin kufr ke ma'ana paida hone ka abdesha-khatra hone ki wajah se aisa kehne se bachna zaruri hai aur mushabahat-copy hone ki wajah se  sakht gunehgar hoga.

📗MAKHOOZ AZ MAALA BUDDA MINHU WA OXFORD DICTIONARY

و الله اعلم بالصواب

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon hanafi chisti.

🕌 Ustaad e daarul uloom Rampura surat, Gujarat, India.

📲💻
http://www.aajkasawal.page.tl

http://www.aajkasawalgujarati.page.tl

http://www.aajkasawalhindi.page.tl

🖥 Urdu, Hindi, Gujarati me islahi Aur masail ke parche padhne Aur download karne ke liye Aur share karne ke liye zarur dekhe

*http://www.deeneemalumat.net*

क्रिसमस डे में सांताक्लॉस बनना

*क्रिसमस डे में सांताक्लॉस बनना*

⭕आज का सवाल न. १५८७⭕

क्रिश्मस डे क़रीब आता है तो स्कूल में फंक्शन होता है, उस में हमारे बाज़ मुस्लिम बच्चों को सांताक्लॉस का रूप बनाने को कहा जाता है, और बहोत सो को उस की टोपी पहनाई जाती है, तो क्या बचचे ये लिबास इस्लामी ऐतिबार से पहन सकते है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

इस्लामी शरीयत में गैर क़ौम से मुशाबेहत इख़्तियार करने की मुमानिअत-मना होना आया है, हदीस शरीफ में है जिस ने जिस क़ौम की मुशाबेहत-कॉपी इख़्तियार की उस का हश्र क़यामत में ज़िंदा किया जाना उसी के साथ होगा.
क्रिश्मस डे- (नाताल) नसारा का तेहवार है, उस में सांताक्लॉस का लिबास इख़्तियार करना उन की मज़हबी रस्म है,

लिहाज़ा सांताक्लॉस का रूप इख़्तियार करने की या उस की टोपी पहनने की बच्चों को भी इजाज़त न होगी, इस से उन के मज़हब का रंग उन पर चढ़ता है, और उन की गलत तरबियत होती है,

*जिस का गुनाह तवज्जुह न देने की वजह से माँ बाप को होता है, लिहाज़ा उस से अपनी अवलाद को बचाना ज़रूरी है.*

📗माखूज़ अज मजमउज़जवाएद ५/१६९

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१७ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/क्रिसमस-डे-में-सांताक्लॉ/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

CHRISTMAS DAY ME SANTACLOS BANNA

*CHRISTMAS DAY ME SANTACLOS BANNA*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1587⭕

Christmas day qareeb aata hai to school me function hota hai usme hamare ba'az muslim bachcho ko santaclos ka huliya (make-up) banane ko kahaa jata hai aur bahot so ko uski topy pehnai jaati hai to kya bschche yeh libas islami eatibar se pahan sakte hain?

🔵JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

Islami Shateeat me gair qaum se mushabahat ikhtiyar karne ki mumaniat-mana hona aaya hai Hadees shareef me hai jis ne jis qaum ki mushabahat-copy ikhtiyar ki uska hashr qayamat me zinda kiya jana usi ke saath hoga.

Christmas day (naatal) nasara (Christian) ka tehwar hai us me santaclos ka libas ikhtiyar karna unki mazhabi rasm hai lihaza santaclos ka roop (huliya) ikhtiyar karne ki ya uski topy pahenne ki bachchon ko bhi ijazat na hogi isse un ke mazhab ka rang un par chadhta hai aur unki galat tarbiyat hoti hai,

*Jiska gunah tawajjuh na dene ki wajah se maa bap ko hota hai* lihaza us se apni awlad ka bachana zaruri hai.

📗MAKHOOZ AZ MAJMAUZ ZAWAID 5/169

و الله اعلم بالصواب

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon

🕌Ustaad e daarul uloom Rampura surat, Gujarat, India

📲💻
http://www.aajkasawal.page.tl

http://www.aajkasawalgujarati.page.tl

http://www.aajkasawalhindi.page.tl

🖥Urdu, Hindi, Gujarati me islahi Aur masail ke parche padhne Aur download karne ke liye Aur share karne ke liye zarur dekhe

*http://www.deeneemalumat.net*

Sunday, December 23, 2018

11 GYARAHVIH KI NIYAZ

*11 GYARAHVIH KI NIYAZ*

⭕AAJ KA SAWAL number 1586⭕

11/giyarahvi ki niyaaz khane ki haqiqat kya he?
Kya maaldar aadmi giyarahvi ka khana kha sakta he?
aur garibo ka us daawat me shirkat ka kya hukm he?

🔵JAWAB🔵

kisi bhi islami mahine ki giyarahvi (11) Tarikh ko Mahbube subhani shaikh Abdul qadir jeelani rh. ki niyyat se jo khana pakaya jata he use giyarahvi kehte he.

📗Ikhtilaf e ummat or sirate mustaqeem.hazrat mufti yusuf ludhyani shaheed ra.ki kitab

Agar wo khana hazrat shaikh ke naam ki mannat ka ho to woh haraam hai aur unke naam ki mannat manna shirk hai, mannat sirf Allah ke naam ki hee manna jaiz he. Kisi unche se unche buland rutbah makhlooq ke naam ki mannat manna haraam aur shirk hai aur aisi haraam mannat ka khana khana Maaldar or garib kisi ke liye bhi jaiz nahi.

📘(Shami: 2/128,bahr: 2/298)

Agar hazrat shaikh jeelani rh. ke isaale sawab ki garz se allah ta'la ke naam ki mannat maani ho ya mannat maane bager hazrat shaikh ke isale sawab ke khatir pakaa kar khilaye to aisa khana garib log kha sakte he, maaldar nahin kha sakta,kyun ke mannat ka khana Maaldar ke liye jaiz nahin aur gareebon ko khila kar sadqe ka isale sawab kar sakte he,
Albatta isaale sawab ke khane ke liye koi tarikh or din zaruri samajhna ye bidat aur najaiz hai.

📗Shaami: 1 fatawa mahmudiyah: 10 /98

📗Zubdatul fatawa Gujarati: 1/206,207

By fatawa section

✏MUFTI SIRAAJ CHIKHLI NAWSARI GUJRAT

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* :
16 RABIUL AAKHAR 1440 HIJRI

®✅TASDEEQ
✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi Chishti.
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
🌍 http://www.aajkasawal.in
🌍 http://aajkasawal.page.tl

🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

11 GYARAHVIH KI NIYAZ

*11 GYARAHVIH KI NIYAZ*

⭕AAJ KA SAWAL number 1586⭕

11/giyarahvi ki niyaaz khane ki haqiqat kya he?
Kya maaldar aadmi giyarahvi ka khana kha sakta he?
aur garibo ka us daawat me shirkat ka kya hukm he?

🔵JAWAB🔵

kisi bhi islami mahine ki giyarahvi (11) Tarikh ko Mahbube subhani shaikh Abdul qadir jeelani rh. ki niyyat se jo khana pakaya jata he use giyarahvi kehte he.

📗Ikhtilaf e ummat or sirate mustaqeem.hazrat mufti yusuf ludhyani shaheed ra.ki kitab

Agar wo khana hazrat shaikh ke naam ki mannat ka ho to woh haraam hai aur unke naam ki mannat manna shirk hai, mannat sirf Allah ke naam ki hee manna jaiz he. Kisi unche se unche buland rutbah makhlooq ke naam ki mannat manna haraam aur shirk hai aur aisi haraam mannat ka khana khana Maaldar or garib kisi ke liye bhi jaiz nahi.

📘(Shami: 2/128,bahr: 2/298)

Agar hazrat shaikh jeelani rh. ke isaale sawab ki garz se allah ta'la ke naam ki mannat maani ho ya mannat maane bager hazrat shaikh ke isale sawab ke khatir pakaa kar khilaye to aisa khana garib log kha sakte he, maaldar nahin kha sakta,kyun ke mannat ka khana Maaldar ke liye jaiz nahin aur gareebon ko khila kar sadqe ka isale sawab kar sakte he,
Albatta isaale sawab ke khane ke liye koi tarikh or din zaruri samajhna ye bidat aur najaiz hai.

📗Shaami: 1 fatawa mahmudiyah: 10 /98

📗Zubdatul fatawa Gujarati: 1/206,207

By fatawa section

✏MUFTI SIRAAJ CHIKHLI NAWSARI GUJRAT

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* :
16 RABIUL AAKHAR 1440 HIJRI

®✅TASDEEQ
✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi Chishti.
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
🌍 http://www.aajkasawal.in
🌍 http://aajkasawal.page.tl

🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

११ ग्यारहवी की नियाज़

*११ ग्यारहवी की नियाज़*

⭕आज का सवाल न. १५८६⭕

११/गियारहवी की नियाज़ खाने की हक़ीक़त क्या है ?

क्या मालदार आदमी गियारहवी का खाना खा सकता है ?

और गरीबो का उस दावत में शिरकत का क्या हुक्म है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

किसी भी इस्लामी महीने की गियारहवी (११) तारीख को महबूबे सुब्हानी पीराने पीर हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी रह. की निय्यत से जो खाना पकाया जाता है उसे गियारहवी कहते हैं.

📗इख्तिलाफ ए उम्मत और सिरते मुस्तक़ीम
हज़रत मुफ़्ती युसूफ लुधयानी शहीद रह. की किताब

गर वह खाना हज़रत शैख़ रह. के नाम की मन्नत का हो तो वह हराम है, और उनके नाम की मन्नत मानना शिर्क है, मन्नत सिर्फ अल्लाह के नाम की ही मानना जाइज़ है.

किसी ऊँचे से ऊँचे बुलंद रुतबा मख्लूक़ के नाम की मन्नत मानना हराम और शिर्क है, और ऐसी हराम मन्नत का खाना खाना मालदार और गरीब किसी के लिए भी जाइज़ नहीं.

📘(शामी: २/१२८ २/२९८)

अगर हज़रत शैख़ जीलानी रह. के इसाले सवाब की गरज़ से अल्लाह ता'अला के नाम की मन्नत मानी हो, या मन्नत माने बगैर हज़रत शैख़ के इसाले सवाब के खातिर पका कर खिलाये तो ऐसा खाना गरीब लोग खा सकते हैं, मालदार नहीं खा सकता, क्यों के मन्नत का खाना मालदार के लिए जाइज़ नहीं, और गरीबों को खिला कर सदक़ह का इसाले सवाब कर सकते हैं, इसाले सवाब के खाने के लिए कोई तारीख और दिन ज़रूरी समझना यह बिदअत और नाजाइज़ है.

📗शामी: १ फतावा महमूदियाः: १० /९८
📗जुब्दतुल फतावा गुजराती: १/२०६

फतावा सेक्शन
✏मुफ़्ती सिराज चिखली नवसारी गुजरात

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१५ रबी उल आखर १४४० हिजरी

®✅तस्दीक़
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/११-ग्यारहवी-की-नियाज़/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

NIKAAH ME KHANDAN, BIRADARI KA AITBAAR*

*NIKAAH ME KHANDAN, BIRADARI KA AITBAAR*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1585⭕

NIKAH KE BARE ME ISLAM BHI KHANDAN KA AETIBAR KARTA HAI ?

FULA N KHANDAN YA FULAN BIRADARI HI ME HUM TO NIKAH KARENGE YE SOCH SAHEEH HAI ?

🔵JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

HAR KHANNDAN KE RAHAN SHAAN, KHANE PINE KI CHEEZEN AUR US KE TAREQAH, AWQAT, KHANDANI PAKANE KE RASMO RIWAJ,  ZABAN ALAG ALAG HOTI HAI,

MOHABBAT BAQI RAHE AUR APAS ME KISI QISM KA JHAGDA NA HO IS LIYE IN CHEEZON KA AAPAS ME MILNA ZAROOREE AUR BEHTAR HAI,

AUR UNCHE KHANDAN WALE NICHE KHANDAN WALE LADKE SE NIKAH KARE TO INSANI MIJAZ USEY AEB AUR SHARM SAMJHATA HAI, HALAN KE YE CHEEZEN AEB AUR SHARM KI NAHI HAI, AUR HAR CHEEZ ME ASAL  TAREEQAH KA TO SHAREEAT HI KA HONA CHAHIYE, AUR ASAL IZZAT KI CHEEZ TAQWA AUR PARHEZGARI HI HAI,

LEKIN SHAREEAT NE NIKAH KE NAZOOK RISHTE KO NIBHANE KE LIYE KUFU- NIKAH ME BARABARI KI RIAAYAT KO ZAROORI QARAR DIYA, SATH SATH ME NIKAH KE WALI (NIKAH KARNE KA IKTIYAR RAKHNE WALE RISHTEDAR) KI IJAZAT SE GAIR BARABARI ME NIKAH KARANE KA IKHTIYAR DEKAR ASAL SHARAEE QANOON KO BHI MALHOOZ RAKHA.

📗DARSE TIMIZEE 4/349 SE MAKHOOZ

و الله اعلم بالصواب

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* : 
15 RABEEUL AAKHAR 1440 HIJRI

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
🌍 http://www.aajkasawal.in
🌍 http://aajkasawal.page.tl

🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

NIKAAH ME KHANDAN, BIRADARI KA AITBAAR*

*NIKAAH ME KHANDAN, BIRADARI KA AITBAAR*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1585⭕

NIKAH KE BARE ME ISLAM BHI KHANDAN KA AETIBAR KARTA HAI ?

FULA N KHANDAN YA FULAN BIRADARI HI ME HUM TO NIKAH KARENGE YE SOCH SAHEEH HAI ?

🔵JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

HAR KHANNDAN KE RAHAN SHAAN, KHANE PINE KI CHEEZEN AUR US KE TAREQAH, AWQAT, KHANDANI PAKANE KE RASMO RIWAJ,  ZABAN ALAG ALAG HOTI HAI,

MOHABBAT BAQI RAHE AUR APAS ME KISI QISM KA JHAGDA NA HO IS LIYE IN CHEEZON KA AAPAS ME MILNA ZAROOREE AUR BEHTAR HAI,

AUR UNCHE KHANDAN WALE NICHE KHANDAN WALE LADKE SE NIKAH KARE TO INSANI MIJAZ USEY AEB AUR SHARM SAMJHATA HAI, HALAN KE YE CHEEZEN AEB AUR SHARM KI NAHI HAI, AUR HAR CHEEZ ME ASAL  TAREEQAH KA TO SHAREEAT HI KA HONA CHAHIYE, AUR ASAL IZZAT KI CHEEZ TAQWA AUR PARHEZGARI HI HAI,

LEKIN SHAREEAT NE NIKAH KE NAZOOK RISHTE KO NIBHANE KE LIYE KUFU- NIKAH ME BARABARI KI RIAAYAT KO ZAROORI QARAR DIYA, SATH SATH ME NIKAH KE WALI (NIKAH KARNE KA IKTIYAR RAKHNE WALE RISHTEDAR) KI IJAZAT SE GAIR BARABARI ME NIKAH KARANE KA IKHTIYAR DEKAR ASAL SHARAEE QANOON KO BHI MALHOOZ RAKHA.

📗DARSE TIMIZEE 4/349 SE MAKHOOZ

و الله اعلم بالصواب

*🌙🗓ISLAMI TAREEKH* : 
15 RABEEUL AAKHAR 1440 HIJRI

✍🏻Mufti Imran Ismail Memon Hanafi
🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura, Surat, Gujarat, India.

📲💻
      Naye msg ke liye
🌍 http://www.aajkasawal.in
🌍 http://aajkasawal.page.tl

🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

निकाह में खानदान, बिरादरी का ऐतिबार

*निकाह में खानदान, बिरादरी का ऐतिबार*

⭕आज का सवाल नंबर १५८५⭕

निकाह के बारे में इस्लाम भी खानदान का ऐतिबार करता है ?
फुलां खानदान या फुलां बिरादरी ही में हम तो निकाह करेंगे ये सोच सहीह है ?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

हर खानदान के रहन सहन खाने पीने की चीज़ें और उस के तरीके और अवक़ात, खानदान के रस्मो रिवाज, ज़बान, वगेरह चीजें अलग अलग होती है,

रिश्ता, मुहब्बत बाकी रहे और आपस में किसी क़िस्म का झगड़ा न हो इस लिए इन चीज़ों को आपस में मिलना ज़रूरी और बेहतर है,

और ऊँचे खानदान वाले नीचे खानदान वाले लड़के से निकाह करे तो इंसानी मिज़ाज उसे ऐब और शर्म समझता है, हालां के ये चीज़ें ऐब और शर्म की नहीं है, और हर चीज़ में असल  तरीका तो शरीअत ही का होना चाहिए, और असल इज़्ज़त की चीज़ तक़वा और परेज़गारी है,

लेकिन शरीअत ने निकाह के नाज़ुक रिश्ते को निभाने के लिए कुफु (निकाह में बराबरी) की रिआयत को ज़रूरी क़रार दिया, साथ साथ में निकाह के वाली (निकाह करने का इख़्तियार रखने वाले रिश्तेदार) की इजाज़त से गैर बराबरी में निकाह करने का इख़्तियार देकर असल शरई क़ानून को भी मलहूज़ रखा।

📗दरसे तिर्मिज़ी ४/३४९ से माखूज़

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१५ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.in/निकाह-में-खानदान-बिरादरी/

🌍 http://aajkasawal.page.tl
🌐Twitter:
https://goo.gl/szhij4
🌐Google+:
https://goo.gl/Hp6Z4k
🌐YouTube:
https://goo.gl/1HSJkq
🌐Telegram channel :
Https://t.me/AajKaSawalJawab

AETIKAF KE MAKRUHAAT

*AETIKAF KE MAKRUHAAT* ⭕AAJ KA SAWAL NO.2101⭕ Aetikaaf kin cheezon se makrooh hota hai?  🔵JAWAB🔵 Aetikaf niche dee hui baton se makrooh ho...