Friday, December 14, 2018

बारात की हकीकत व खराबियां

*बारात की हकीकत व खराबियां*

⭕आज का सवाल नंबर १५७७ ⭕

दुलहन को लेने लोग बारात क्यूँ ले जाते है ?  इस में बहुत परेशानी होती है और खर्च ज़यादा होता है,
उम्मत के सामने इस के नुक़सानात को वाज़िह फरमाइये ताके इसका रिवाज ख़त्म हो।

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

पहले ज़माने में आमतौर पर एक दो सवार होते थे तो डाकू लूट लेते थे, इसलिए दुलहन, उस के ज़ेवर और सामान की हिफाज़त के लिए कई आदमी उसे लेने के लीये जाते थे,  इस तरह बरात का रिवाज पड़ा होगा,
अब अक्सर रस्ते मॉमून हो गए है, लूटफाट आम तौर पर नहीं होती, इसलिए सब इस की ज़रूरत नहीं रही।

इस में चंद खराबियां है।

१।
बहुत सी जगह कुछ रिश्तेदार नाराज़ होते है के हमें बारत की दावत क्यूँ नहीं दी, दूल्हे के घरवालों को एक कशमकश रेहती है के किसी ले जाये और किसे छोडे, बाज़ मर्तबा नाराज़गी में रिश्ते भी तूट जाते है।

२।
नमाज़े क़ज़ा होती है।

३।
आमतौर पर बरात रवाना होने में सब के इन्तिज़ार में ताख़ीर और परेशानी होती है, निकाह के लिए वक़्त पर पहोंचने की जल्दी में बेधडक तेज़ रफ़्तार गाड़ी चलाई जाती है के जिस में कभी ऐक्सिडन्ट भी होते है।

*बाकी कल इन शा अल्लाह*....🔜

📗बहिश्ती ज़ेवर से माखूज

و الله اعلم بالصواب

🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
०७ रबी उल आखर १४४० हिजरी

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

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