*ट्रस्ट की जगा पर क़बजह करने वालों का हुक्म*
⭕ आज का सवाल नंबर १८२४⭕
हमारी मस्जिद की वक़फ की जगा में चद पुराने भादूत है जो बिलकुल मामूली किराया देते है, न किराया बढ़ाते है न मकान को खाली करते है बल्कि वह क़बजह जमाये हुवे है और खाली करने का साफ़ मना करते है, ऐसे लोगों के बारे में शरीअत का क्या हुक्म है ? उन से क़बजह कैसे लिया जाये ? क्या ऐसे लोगों की मगफिरत मुबारक दिनों और मुबारक रातों में मगफिरत हो सकती है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
यादगारे सलफ आरिफ बिल्लाह हज़रत अक़दस पिरो मुर्शिद मुफ़्ती अहमद खानपुरी दा ब. इसी क़िस्म के एक सवाल के जवाब में लिखते है के ;
वक़फ की मालिकी की जगहों पर किरायेदारों का सरकारी क़ानून से फ़ायदाः उठा कर क़बजह जमाना और उसका बा कादह जो बज़ारी किराया चलता है वह न देना और पुराना कम किराया देते रहना और ट्रस्टियों को परेशानी में मुब्तला करना सख्त गुनाह का काम है, और वक़फ की मिलकत का ये ना जाइज़ फ़ायदाः शरीअत की रू से गज़ब (ज़बरदस्ती न जाइज़ क़बजह) कहलायेगा.
फुक़्हा-मसाइल के माहिरीन ने वक़फ की मिलकियत से न जाइज़ फ़ायदाः उठाने को यतीम के माल से न जाइज़ फ़ादह उठाने वालों के हुक्म में लिखा है, और यतीम के माल को नाहक़ हड़प करने और खा जानेवालों के लिए क़ुरानो हदीस में बहुत सख्त वईदें आयी है,
ये दुनयावी ज़िन्दगी कुछ ही वक़्त की है, एक दिन मरना है, ओर अल्लाह के सामने पेश होकर अपने तमाम आमाल का हिसाब देना है, जो लोग इस तरह वक़फ की मिलकत पर गलत क़बजह जमा रहे है और बाजार की वेल्यू से किरयह न देकर उस से न जाइज़ फ़ायदाः उठा रहे है उन लोगों को सोच लेना चाहिए के कल क़यामत के दिन क्या जवाब देंगे ?
📗महमूदुल फतावा ३/२६७ गुजराती
हादिसे पाक में नबीये करीम सलल्लाहु अलैहि वसल्लम का इरशाद है जिस ने एक बलिष्ट जगा भी ज़ुल्म के तौर पर ले ली क़यामत के दिन उसको सातों ज़मीनो का हार पहनाया जायेगा
📕मिश्कात २५४
एक और हदीस में है के जिस ने थोड़ी ज़मीन ना हक़ तरीके से ले ली क़यामत के दिन उसे सात ज़मीन तक धसा दिया जायेगा.
📙मिश्कात २५६
एक और रिवायत में है के जिस ने ना हक़ तरीके से कोई ज़मीन ले ली उस से मैदाने हश्र में उस की पूरी मिटटी उठवायी जाएगी
📘मिश्कात २५६
एक और रिवायत में है के जिस ने एक बालिश ज़मीन ना हक़ तरीके से ले ली क़यामत के दिन अल्लाह ताला उसे उस ज़मीन को सात ज़मीन तक खोदने के लिए मजबूर करेंगे उस के बाद उसे गले में पहना दी जाएगी
📕मिश्कात २५६
ट्रस्टियो को चाहिए के ऐसे अच्छे लोगों जिस की वह बात सुनता और मानता हो उस के पास भेजकर उस को समझा कर उस मिलकत-ज़मीन का क़बजह लेने की कोशिश करे,
खुलासा ये है के क़ब्ज़ा हासिल करने खुद से हर तरह की कोशिश कर लेने की ज़रुरत है.
📗महमूदुल फतावा ४/२५८
वक़फ का ताअल्लुक़ हुक़ूक़ुल इबाद से है, लोगों ने मस्जिद के फ़ायदाः के लिए चंदा दिया है, या वक़फ कर के दुन्या से जा चुके है, जब तक इन लोगों की मुआफी न मांगे अल्लाह के सामने तौबा से भी ये गुनाह मुआफ नहीं होगा, और चंदा देनेवाले कोन है उस का पता नहीं, और दुन्या से जा चुके है उन से मुआफी मांगनी मुश्किल है, लिहाज़ा वक़फ के मुआमले में कोताही करनेवालों की मगफिरत का मुआमला बड़ा मुश्किल है.
लिहाज़ा मुबारक महीना आने से पहले न जाइज़ क़बजह छोड़ने और छुड़वाने की तैयारी कर लेनी चाहिए.
و الله اعلم بالصواب
*🌙इस्लामी तारीख़*🗓
१५~ज़िल हिज्जह~१४४०~हिज़री
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन.
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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