Wednesday, May 31, 2017

गैर  मुस्लिम  के  खाने  से  इफ्तारी

*गैर  मुस्लिम  के  खाने  से  इफ्तारी*
⭕आज  का  सवाल  नंबर १०२८⭕

गैरमुस्लिम  के खाने  से  इफ्तारी  करना  केसा  हे .?

🔵जवाब🔵

गैरमुस्लिम  की  इफ्तारी  से  इफ्तार  करना  जाइज़  और  दुरुस्त  हे .

एइजाहूं-नवादिर  जिल्द  १ सफ़ा ८३.

नोट- *ये  इफ्तारी  का  मसला  हलाल  माल  के  बारे  में  है, हराम  माल  चाहे  मुस्लिम  का  हो या  गैर मुस्लिम  का  ना  जाइज़  है*
واللہ اعلم

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया

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GAIR MUSLIM KE KHANE SE IFTIRA

*GAIR MUSLIM KE KHANE SE IFTIRA*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1028⭕

GERMUSLIM KE KHANE SE IFTARI KARNA KESA HE.?

🔵JAWAB🔵

GERMUSLIM KI IFTARI SE IFTAR KARNA JAIZ AUR DURUST HE.

EZAHUN-NAWADIR JILD 1 SAFA 83.

NOTE- *YE IFTARI KA MASLA HALAL MAAL KE BAARE ME HAI HARAM MAAL CHAHE MUSLIM KA HO YA GER_MUSLIM KA NA JAIZ HAI*

✅TASDEEQ MUFTI IMRAN ISMAIL MEMON SURAT GUJRAT INDEA

واللہ اعلم

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Tuesday, May 30, 2017

रोज़ा  तोड़ने  वाली  चीज़ें

*रोज़ा  तोड़ने  वाली  चीज़ें*

⭕आज  का  सवाल  नंबर १०२७⭕

रोज़ा  किन  चीज़ों से  फ़ासिद हो  जाता है?

🔵जवाब🔵

*(बाक़ी कल के मेसेज से आगे)*

१२- मुश्टजानि-हाथ  से मनि निकालना

१३- अमाह  के  मरीज़  का इनहेलर -पंप इस्तेमाल करना.

१४- मुंह  में  पान-गुटखा दबा  कर  सो  जाना  यहाँ  तक के  सुबह  सादिक़  हो  जाये.

१५- नकसीर  फूटे और  नाक  का  खून हलक़ में  चला  जाये.

१६- दांत-मसूड़ों का खून  अगर  इतना  ज़्यादा  हो  के  वह  थूक  पर ग़ालिब आ जाये  यानि थूक  को  लाल  कर  दे  या थूक  के बराबर-सरबर हो  जाये  और  वह  थूक  पेट में  चला  जाये, अगर  थूक  में  खून काम हो  यानि  खून  का  मज़ा  हलक़ में  मालूम  ना हो  तो  रोज़ा फ़ासिद न  होगा

१७- इनामा लेना यानि  पेट की सफाई  के लिए  पीछे  के  रास्ते दवाई  चढ़ाना

१८- मर्द  की पेशाब  की  नाली  में  कोई दवाई  डाली  जाये  और वह  मसाने तक पहुंच जाये. अगर  मसाने  तक  ना पहुंचे तो  रोज़ा  फ़ासिद  नहीं होगा

१९- औरत  का  अपनी  शर्मगाह में  कोई दवाई  डालना 

२०- औरत  की शर्मगाह में  डॉक्टरनी का  चेकउप  के  लिए  भीगा  हुवा  या  दवाई  वाला  हाथ या  मशीन डालना, अगर  हाथ या  मशीन पर  दवा  ना  हो  तो  रोज़ा   फ़ासिद  ना  होगा

२१- दांतों  में  गोश्त का  रेशा, सुपारी वगैरह  का टुकड़ा अटका  हुवा  था  और  उस  से मुंह  से  बहार निकाले बगैर  ज़ुबान  या  खिला  से  निकालकर मुंह के  अंदर  ही  अंदर  निगल  लिया  या  खुद  बखुद  हलक़  में  चला  गया  तो  देखने में  अगर  वह  चीज़ चने  की  मिक़्दार  से ज़्यादा  है  या  चने के  बराबर  है तो  रोज़ा फ़ासिद  हो गया, अगर चने  से  काम है तो  फ़ासिद  नहीं  हुवा, अगर  मुंह  से  बहार  निकाला फिर निगल लिया तो  हर हाल  में  रोज़ा  फ़ासिद  होगा, चाहे  चने  के बराबर  हो या  उस  से भी  कम हो

📗किताबुल  मसाइल २/ सफा ८५  से  ९१

📕मसाइले रोज़ा  सफा ६३,६४

واللہ اعلم

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रोज़ा  तोड़ने  वाली  चीज़ें

*रोज़ा  तोड़ने  वाली  चीज़ें*

⭕आज  का  सवाल  नंबर १०२७⭕

रोज़ा  किन  चीज़ों से  फ़ासिद हो  जाता है?

🔵जवाब🔵

*(बाक़ी कल के मेसेज से आगे)*

१२- मुश्टजानि-हाथ  से मनि निकालना

१३- अमाह  के  मरीज़  का इनहेलर -पंप इस्तेमाल करना.

१४- मुंह  में  पान-गुटखा दबा  कर  सो  जाना  यहाँ  तक के  सुबह  सादिक़  हो  जाये.

१५- नकसीर  फूटे और  नाक  का  खून हलक़ में  चला  जाये.

१६- दांत-मसूड़ों का खून  अगर  इतना  ज़्यादा  हो  के  वह  थूक  पर ग़ालिब आ जाये  यानि थूक  को  लाल  कर  दे  या थूक  के बराबर-सरबर हो  जाये  और  वह  थूक  पेट में  चला  जाये, अगर  थूक  में  खून काम हो  यानि  खून  का  मज़ा  हलक़ में  मालूम  ना हो  तो  रोज़ा फ़ासिद न  होगा

१७- इनामा लेना यानि  पेट की सफाई  के लिए  पीछे  के  रास्ते दवाई  चढ़ाना

१८- मर्द  की पेशाब  की  नाली  में  कोई दवाई  डाली  जाये  और वह  मसाने तक पहुंच जाये. अगर  मसाने  तक  ना पहुंचे तो  रोज़ा  फ़ासिद  नहीं होगा

१९- औरत  का  अपनी  शर्मगाह में  कोई दवाई  डालना 

२०- औरत  की शर्मगाह में  डॉक्टरनी का  चेकउप  के  लिए  भीगा  हुवा  या  दवाई  वाला  हाथ या  मशीन डालना, अगर  हाथ या  मशीन पर  दवा  ना  हो  तो  रोज़ा   फ़ासिद  ना  होगा

२१- दांतों  में  गोश्त का  रेशा, सुपारी वगैरह  का टुकड़ा अटका  हुवा  था  और  उस  से मुंह  से  बहार निकाले बगैर  ज़ुबान  या  खिला  से  निकालकर मुंह के  अंदर  ही  अंदर  निगल  लिया  या  खुद  बखुद  हलक़  में  चला  गया  तो  देखने में  अगर  वह  चीज़ चने  की  मिक़्दार  से ज़्यादा  है  या  चने के  बराबर  है तो  रोज़ा फ़ासिद  हो गया, अगर चने  से  काम है तो  फ़ासिद  नहीं  हुवा, अगर  मुंह  से  बहार  निकाला फिर निगल लिया तो  हर हाल  में  रोज़ा  फ़ासिद  होगा, चाहे  चने  के बराबर  हो या  उस  से भी  कम हो

📗किताबुल  मसाइल २/ सफा ८५  से  ९१

📕मसाइले रोज़ा  सफा ६३,६४

واللہ اعلم

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Rozah kin chizon se faasid ho jata hai ?

⭕AAJ KA SAWAL NO.1027⭕

Rozah kin chizon se faasid ho jata hai ?

🔵 AAJ KA JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

*PART 2*

Wo Chizen Jinse Rozah Faasid Ho jata hai woh niche likhi gayi hain

*(Kal ke baaqi msg se aage)*

12- Mushtzani (haath se mani nikalna)

13- damah (asthma) ke mareez ka inhellar pump isteamal karna.

14- munh me paan-gutkha daba kar so jana yahaan tak ke subah sadiq ho jaye.

15- naksir fute aur naak ka khun halaq me chala jaye.

16- dant-masoodon ka khun agar itna ziyadah ho ke woh thuk par gaalib aa jaaye ya'ani thuk ko laal kar de ya thuk ke baraabar-saraabar ho jaye aur woh thuk pet me chala jaye agar thuk me khun kam ho ya'ani khun ka mazah halaq me ma'alum na ho to rozah fasid na hoga

17- enema lena ya'ani pet ki safai ke liye pichhe ke raste se dawai charhaana

18- mard ki peshab ki nali me koi dawai dali jaye aur woh masaane tak pahonch jaye. Agar masane tak na pahonche to rozah faasid nahi hoga

19- aurat ka apni sharmgah me koi dawai dalna

20- aurat ki sharmgah me doctorni ka chekap ke liye bhigahuwa ya dawai wala haath ya mashin dalna agar haath ya machine par dawa na ho to rozah faasid na hoga

21- danton me gosht ka resha, supari wagairah ka tukda atka huwa tha aur use se munh se baahar nikale bagair zuban ya khila se nikalkar munh ke andar hi andar nigal liya ya khud bakhud halaq me chala gaya to dekhi agar woh cheez chane ki miqdar se ziyadah hai ya chane ke barabar hai to rozah faasid ho gaya agar chane se kam hai to fasid nahin huva agar munh se bahar nikala fir nigal gaya to har hal me rozah faasid hoga chahe chane ke baraabar ho ya us se bhi kam ho.

📘Kitabul masail 2/ safa 85 se 91

📘masaile rozah safa 63,64

و اللہ اعلم

📝 Mufti Imran Ismail Memon.

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Monday, May 29, 2017

Rozah kin chizon se faasid ho jata hai?

⭕AAJ KA SAWAL NO.1026⭕

Rozah kin chizon se faasid ho jata hai?

🔵 AAJ KA JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

Wo Chizen Jinse Rozah Faasid Ho jata hai woh niche likhi gayi hain

1- Kaan aur Naak me dawa dalna.

2- Qasdan (Jaanbujh kar) moonh bharkar qai-vomit karna ya moonh bharkar aane ke baad kuchh hissah qasadan (jaanbujh kar) lauta Lena.

3- Kulli karte huve halaq me paani ka chalaa Jana,(us waqt Roza bhi yaad ho)

4- Aurat ko chhoone aur bosah lene se inzaal ho Jana-mani nikal jana.

5- Lobaan ya agarbatti ka dhunwa qasadan naak ya halaq me pahunchana

6- Bidi, cigarette ,huqqah pina

7- Bhool kar khaa pee liya aur khayal kiya k isse Roza toot gaya hoga, fir qasadan kha, pee liya

8- Raat samajhkar subah sadiq ke baad Sahri kha Lena,

9- Din Baaqi tha magar galaty se yeh samajha k Aaftaab guroob ho gaya hai, iftaar kar liya-kisi taqweem ya app me dekhkar waqt hote hi iftar kar liya baad me pata chala ghadi aage thi aur suraj guroob hone me 2 minutes baaqi thi.(akabireen ke mamool ke khilaf is se bilkul time par iftar karne ki baat karnewale ibrat le)

10 - Koi aisi cheez nigal Jana Jo Aadtan khayi nahi jati, Jaise ke lakdi, loha, kachcha gehu ka daana vagera

11- Baaf (steam, bhaanp) lena,

*(BAAQI KAL INSHA ALLAH)*

📘Kitabul masail 2/ safa 85 se 91

📘masaile rozah safa 63,64

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रोज़ा  तोड़ने  वाली  चीज़ें

*रोज़ा  तोड़ने  वाली  चीज़ें*

⭕आज  का  सवाल  नंबर.१०२६⭕

रोज़ा  किन  चीज़ों  से  फ़ासिद  हो  जाता  है?

🔵जवाब🔵

वो  चीज़े  जिनसे  रोज़ा  फ़ासिद  हो  जाता  है  वह  निचे  लिखा  गया  हैं

१- कान  और  नाक  में  दवा  डालना.

२- क़सदन (जान  बूझकर) मुँह  भरकर के-वोमिट करना या  मुँह भरकर  आने  के  बाद  कुछ  हिस्सा  क़सदन-जानबूझकर  लोटा  लेना.

३- कुल्ली करते  हुवे  हलक़  में  पानी  का  चला  जाना,( उस  वक़्त  रोज़ा  भी  याद  हो )

४- औरत को  छूने  और  बोसा  लेने  से  इंज़ाल  हो  जाना -मनि निकल  जाना.

५- लोबान  या  अगरबत्ती का  धुंवा  क़सदन  नाक  या  हलक़  में  पहुँचाना

६- बीड़ी, सिगरेट, हुक़्क़ाह पीना

७- भूलकर  खा  पि  लिया  और  ख्याल  किया  के इससे  रोज़ा  टूट गया  होगा, फिर  क़सदन खा,पी लिया

८- रात  समझकर सुबह  सादिक़  के बाद  सहरी  खा  लेना,

९- दिन  बाक़ी  था  मगर गलती  से  ये  समझा  के  आफताब ग़ुरूब  हो गया  हे, इफ्तार  कर लिया -किसी  तक्वीम  या  एप्प में  देखकर वक़्त होते  ही  इफ्तार कर  लिया  बाद में  पता चला  घडी आगे थी  और  सूरज ग़ुरूब  होने में  २  मिनट  बाकी  थी.(अक़ाबरीन के  मामूल  के  खिलाफ  इस से  बिलकुल  टाइम पर  इफ्तार  करने  की  बात करनेवाले  इबरत ले)

१० - कोई  ऐसी  चीज़  निगल  जाना  जो  आदतन खायी  नहीं जाती, जैसे लकड़ी, लोहा, कच्चा गेहू का  दाना  वगेरा

११- बाफ-स्टीम-भांप लेना,

*(बाक़ी  12 से 21 कल  इंशा अल्लाह)*

📗किताबुल  मसाइल २/ सफा ८५  से  ९१

📕मसाइले रोज़ा  सफा ६३,६४

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Sunday, May 28, 2017

ROZE KI QAZA & KAFFARAHKA USOOL

*ROZE KI QAZA & KAFFARAHKA USOOL*

⭕AAJ KA SAWAL NO. 1025⭕

Roza todne ki wajha se qaza aur kaffarah kab wsjib hota hai aur kab nahi?
is ka kya usool hai?

🔵 AAJ KA JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

Woh sooraten jin se kaffarah aur qaza dono wajib hai wo ye hai,

1. ramzan ke adaa roze me bila uzr janbujhkar aesee cheez khana jo giza-khane ke taur par ya dawai ke taur hee khayi jati ho ya kaamil lazzat ke taur par ho istiamal hoti ho kha pee lena ya istiamal karna.

Is maloom huwa ke kachcha khana khane se,bidi pene se,lagane ki dawa nigal jane se, hath se mani nikalne se (aese par allah ki laanat hai),bv se sirf chimtne ya bosa lene sse inzal ho gaya to kaffarah nahi. in cheezon gizaiyat, dawaiyyat, kamil nafa kamil lazzat nahi.

2. janbujh kar sohbat karna.

3.ankh me dawa lagai ya ulti hui fir ye samjhkar ke roza toot gaya halanke in dono Se roza nahi toota tha Fir bhi janbujhkar khaa pee liya.

*Woh shaklen jin me qaza hai kaffarah nahi hai wo ye hai*

1. nafal roza, ramzan ka qaza roza Ya kisi sharee uzr jaise bimari, sakht taklif, safar ki wajha se roza tod diya to kaffarah wajib nahi

📗>masaile roza

📔>ilmul fuqah jild som se makhooz

و اللہ اعلم
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रोज़े की क़ज़ा और कफ़्फ़ाराह का उसूल

*रोज़े  की  क़ज़ा  और कफ़्फ़ाराह का  उसूल*

⭕आज  का  सवाल  नंबर  १०२५⭕

रोज़ा  तोड़ने  की  वजह  से  क़ज़ा  और  कफ़्फ़ाराह  कब  वाजिब  होता  है  और  कब  नहीं?
इस  का  क्या  उसूल  है?

🔵 आज  का  जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

वह  सूरतें  जिन  से  कफ़्फ़ाराह  और  क़ज़ा  दोनों  वाजिब  है  वो  ये  है,

१. रमजान  के  अदा  रोज़े  में  बिला  उज़्र जानबूझकर  ऐसी  चीज़  खाना  जो  ग़िज़ा-खाने  के  तौर  पर  या  दवाई के  तौर पर  ही खायी  जाती  हो  या  कामिल  लज़्ज़त के  तौर  पर  हो इस्तिमाल  होती  हो  खा पी  लेना  या  इस्तिमाल करना.

इस से    मालूम  हुआ  के  कच्चा  खाना खाने  से,बीड़ी पिने से,लगाने की दवा  निगल  जाने  से, हाथ  से  मणि  निकालने से  (ऐसे  पर  अल्लाह  की  लानत  है),बव  से सिर्फ  चिमटने  या  बोसा  लेने  से  इंज़ाल  हो  गया  तो कफ़्फ़ाराह  नहीं. इन  चीज़ों ग़िज़ाइयत, दवाईयत, कामिल नफा  कामिल  लज़्ज़त  नहीं.

२. जानबूझ  कर  सोहबत करना.

३.आंख  में  दवा लगाई  या  उलटी  हुई  फिर ये  समझकर  के  रोज़ा  टूट  गया हालांकि  इन  दोनों  से  रोज़ा  नहीं  टूटा था  फिर  भी  जानबूझ कर   खा  पी  लिया.

*वह  शक्लें  जिन  में  क़ज़ा  है कफ़्फ़ाराह  नहीं है वो  ये  है*

1. नफल रोज़ा, रमजान  का  क़ज़ा  रोज़ा  या किसी  शारी  उज़्र  जैसे  बीमारी, सख्त तकलीफ, सफर  की वजह  से रोज़ा  तोड़  दिया  तो  कफ़्फ़ाराह  वाजिब नहीं

📗>मसाइले रोज़ा

📔>इल्मुल  फुकाह जिल्द सोम से  माखूज़

Saturday, May 27, 2017

चार रकत पर पढ़ने की दुआ की हक़ीक़त

*चार  रकत  पर  पढ़ने  की दुआ की हक़ीक़त*

⭕आज  का  सवाल  नंबर  १०२४ ⭕

तरावीह  की  चार ४ रकात के  बाद जो दुआ पढ़ी  जाती है वह हदीस  से साबित  है?

🔵 आज का  जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

तरावीह  की  हर  ४  रकात के  बाद  जो  दुआ  पढ़ी  जाती है उसके अल्फ़ाज़  मुख्तलिफ  अहादीस  से साबित  हैं  उसमे  बाज़ हदीस  की सनद  बहोत ही कमज़ोर है. पूरी  दुआ  किसी  एक  हदीस  में नहीं  आयी है.

और  उसको  तरविहा(तरावीह  की चार  रकात) के  बाद  पढ़ना  किसी  भी  हदीस  से  साबित होना  बहोत  मुश्किल  है.

यह दुआ अल्लामाह इब्ने  आबेदीन  अपनी किताब शामी  में  नक़ल की है  जिसकी  वजह से मुख्तलिफ  किताबों  और हमारे  इलाक़ों में  राइज  हो  गयी तरविहा  में  हनफ़िया  के  नज़दीक  ३  इख़्तियार  है  उस वक़्त  तस्बीह पढ़े, या  हम्द  करे, या  खामोश  रह कर अगली  रकात का  इन्तिज़ार  करे.

📗 मूहिते  बुरहानी २/१८१
📕जवहरून नय्याराह सफा ३८५

📘मर्गूबुल  फतवा ३/४२९
में  उलमा ऐ देवबंद  का  ये  मौक़फ़  लिखा  है  के
उस वक्त  ज़िक्र  करना  मुस्तहब  है  लेकिन  बहोत  से  इलाक़ों  में  इस  में  गुलु  होने  लगा  है.

मुस्तहब   के  साथ  वाजिब  और ज़रूरी  जैसा  मुआमला किये  जाने  लगे  तो  फुक़्हा (मसाइल  के  माहिरीन) उसको  छोड़  देने का हुक्म देते हैं  इस  दुआ  को  ज़ोर  से  पढ़ने  का  भी बाज़ इलाक़ों में  रिवाज होने  लगा  है बाज़  मस्जिद  में  क़िबलाह  की दिवार पर  इसके  पोस्टर  जगह जगह  पर  चिपकाये जाने  लगे  हैं  और एहतमाम  से इसके लाइट बोर्ड  और  कार्ड  बनाये  जाने  लगे हैं.

तरविहा के वक़्त यह दुआ  पढ़ने  की गुंजाईश  तो  है अल्बत्ताह  दूसरे  मस्नून अज़कार  पढ़ने का ज़ियादह  सवाब  है.

*जैसे سبحان اللہ و الحمد للہ و لا اله الا اللہ واللہ اکبر*

उस दुआ  की जगह  इसके  पढ़ने  का इमाम  ऐ रब्बानी  हज़रत मौलाना  रशीद अहमद  गंगोही रहमतउल्लाई  अलैह  मामूल  था  इसकी  फ़ज़ीलत सहीह  अहादीस  से  साबित  है इसलिए  इसका  तकरारा-बार बार पढ़ना  अफ़ज़ल है.

📙फतावा  दारुल उलूम  देवबंद  ४/२४६

हजरत  हकीमुल  उम्मत  थानवी रहमतुल्लाहि अलैहि से पूछा  गया  के  आप  क्या  पढ़ते हो  तो  फ़रमाया  उस वक़्त कोई  खास  ज़िक्र  शरण मुतय्यन  नहीं  इसलिए  में  २५  बार  दुरूद शरीफ  पढ़ लेता  हूँ.

📔तोहफा  इ  रमजान  सफा ११

अबू  मुआज  मक्की  के उर्दू  मज़मून  का  खुलासा

و اللہ اعلم

CHAR RAKAT PAR PARHNE KI DUAA KI HAQIQAT

*CHAR RAKAT PAR PARHNE KI DUAA KI HAQIQAT*

⭕AAJ KA SAWAL NO. 1024 ⭕

Taravih ki char 4 raka'at ke baad jo duaa padhi jati hai woh hadees se sabit hai?

🔵 AAJ KA JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

Taravih ki har 4 raka'at ke baad jo duaa padhi jati hai uske alfaz mukhtalif ahadees se sabit hain usme ba'az hadees ki sanad bahot hi kamzor hai. puri duaa kisi ek hadees me nahin aayi hai.

Aur usko tarviha(taravih ki char raka'at) ke baad padhna kisi bhi hadees se sabit hona bahot mushkil hai.

Yeh duaa allamah ibne aabedeeen apni kitab shaami me naqal ki hai jiski wajah se mukhtalif kitabon aur hamare ilaqon me raaij ho gayi tarviha me hanafiyyah ke nazdeek 3 ikhtiyar hai us waqt tasbeeh padhe, ya hamd kare, ya khamosh reh kar agli raka'at ka intizar kare.

📗 MUHITE BURHANI 2/181
📕JAWHARUN NAIYYARAH SAFA 385

📘MARGUBUL FATAWA 3/429
me ulamaa e dewband ka ye mawqaf likha hai ke
us waqt zikr karna mustahab hai lekin bahot se ilaqon me is me gulu hone lagaa hai.

Mustahab  ke saath wajib aur zaruri jaisa muaamala kiye jane lage to fuqhaa(masail ke mahireen) usko chhod dene ka hukm dete hain is duaa ko zor se padhne ka bhi ba'az ilaqon me riwaj hone laga hai ba'az masajid me qiblah ki diwar par iske postar jagah jagah par chipkaye jane lage hain aur ehtamam se iske light bord aur card banaye jane lage hain.

Tarviha ke waqt yeh duaa padhne ki gunjaish to hai albattah dusre masnoon azkaar padhne ka ziyadah sawab hai.

*jaise سبحان اللہ و الحمد للہ و لا اله الا اللہ واللہ اکبر*

Us duaa ki jagah iske padhne ka imam e rabbani hazrat Moulana Rashid Ahmad Gangohi rahmatullahi alayh ma'amul tha iski fazeelat saheeh ahadees se sabit hai isliye iska takrara-bar bar padhna afzal hai.

📙FATAWA DARUL ULOOM DEWBAND 4/246

Hazrat hakeemul ummat thanwi rahmatullahi alayhi se puchha gaya ke aap kya padhte ho to farmaya us waqt koi khas zikr Shara'an mutayyan nahin isliye me 25 baar durood shareef padh leta hun.

📔TUHFA E RANZAN SAFA 11

ABU MUAAZ MAKKI KE URDU MAZMOON KA KHULASA

و اللہ اعلم

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Friday, May 26, 2017

तरावीह की रकात छूट जाना

*तरावीह की रकात छूट  जाना*

⭕आज  का  सवाल नंबर  १०२३⭕
एक  आदमी  मस्जिद  में  ऐसे  वक़्त  आया  के  ईशा  की  फ़र्ज़  नमाज़  और  तरावीह  की  दो  चार  रकत  हो  चुकी  थी  तो  छूती  हुई  तरावीह  किस  तरह  पढ़े? और  वित्र  बाजमात  पढ़े के  छूती  हुई  तरावीह  को  पूरी  करने  के  बाद  पढ़े?

🔵 आज  का जावाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

ऐसे शख्स  को  चाहिये के  पहले  फ़र्ज़  और  सुन्नतें  पढ़े,  और  उस  के  बाद  तरावीह  में  शरीक  हो,  और  छूती  हुई  तरावीह  दो  तरविहा  (४ रकात के  बाद  थोड़ी  देर  बैठने  का  वक़्फ़ा) के  दरम्यान  पूरी  करे,   अगर  मौक़ा  ना  मिले  तो  वित्तरों के  बाद  पढ़े,   और  वित्र  और  तरावीह  की  जमात  छोड़कर  तन्हा अलग  ना  पढ़े

📘मसाइले  तरावीह  रफत  सफा ७७  बहवाला  कबीरी

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया

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TARAWEEH KI RAKAT CHHUT JANA

*TARAWEEH KI RAKAT CHHUT JANA*                     

⭕AAJ KA SAWAL NO.1023⭕

Ek Aadmi masjid me aise waqt aaya ke isha ki farz namaz aur taravih ki do chaar raka'at ho chuki thi to chhuti huyi taravih kis tarah parhe?

Aur vitr ba jama'at parhe ke chhuti huyi taravih ke puri karne ke baad parhe?

🔵 AAJ KA JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

Aise shakhs ko chahiye ke pehle farz aur sunnaten parhe aur us ke baad taravih me shareek ho aur chhuti huyi taravih do tarviha (4 rakat ke baad thodi der bethne ka waqfa) ke darmyan puri kare  agar mauqa na mile to vitr ke baad parhe  aur vitr aur taravih ki jama'at chhodkar tanha (alag, akela) na parhe

📘Masaile taraweeh rafat safa 77 bahawa kabeeree

و اللہ اعلم

📝 Mufti Imran Ismail  Memon.

🕌 Ustaze Darul Uloom Rampura,Surat, Gujarat,india

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Thursday, May 25, 2017

तरावीह  की  निय्यत  और  हुक्म

*तरावीह  की  निय्यत  और  हुक्म*

⭕आज  का  सवाल  नंबर  २०२२⭕

अ.
तरावीह  का  क्या  हुक्म  है? पढ़ना  ज़रूरी है ?
मर्द  औरत  दोनों  के  लिए  एक  ही  हुक्म  है ?

ब.
तरावीह  की  निय्यत  क्या  करे?

क.
२०  रकात की  निय्यत  साथ  में   कर  सकते  है?

🔵जवाब🔵

अ.
तरावीह  मर्दों  और  औरतों  सब  के  लिए  पूरा  महीना   सुन्नते  मुअक्कदह  है.मगर  औरतों  के  लिए  जमात  सुन्नते  मुअक्कदह  नहीं  है.

📘किफ़ायतुल  मुफ़्ती ३/३६१

सुन्नते  मुअक्कदह  को  बिला  उज़्र  छोड़ना  मना है  और  छोड़ने  की  आदत  बनाने  वाला  फ़ासिक़  और  गुनेहगार  है.

ब.
तरावीह  की  निय्यत  का  वही  तरीका  है  जो  दूसरी  नमाज़ों  का  है. उस  की  निय्यत  इस  तरीका  से  है  के,  दो  रकत  सुन्नत  तरावीह  की  निय्यत  करता  हूँ,  दिल  में  सोचकर  या  कहकर,  अल्लाहु  अकबर  कहकर  नमाज़  बांध  ले.

📘मज़ाहिरे हक़ जदीद १४

क.
तरावीह  के  शुरू में  २० रकात   की  निय्यत काफी  है  हर  दो  रकात पर  निय्यत  शर्त  नहीं.

📘फतावा रहीमिययह  १/३५४
📘मसाइले तरावीह रफत ७०,७१

واللہ اعلم

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TARAVIH KI NIYYAT AUR HUKM

*TARAVIH KI NIYYAT AUR HUKM*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1022⭕

A.Taravih ka kya hukm hai?
Parhna zaruri hai?
Mard aur aurat dono ke liye ek hi hukm hai?

B.Taravih ki niyyat kya kare?

C. 20 raka't ki niyyat saath me kar sakte hain?

🔵JAWAB🔵

A.Taravih mardon aur aoraton sab ke liye pura mahina *sunnat e muakkadah* hai. magar aurton ke liye jama't sunnat e muakkadah nahin hai.

📗KIFAYATUL MUFTI 3/361

Sunnat e muakkadah ko bila uzr chhodna manaa hai aur chhodne ki aadat banane wala fasiq aur gunehgar hai.

B. Taravih ki niyyat ka wohi tariqah hai jo dusri namazon ka hai. uski niyyat is tariqah se hai je do rakat sunnat taravih ki niyyat karta hun dil me sochkar ya kehkar Allahu Akbar keh kar namaz bandh le.

📘MAZAHIRE HAQ JADEED 14

C.Taravih ke shuru me 20 rakat ki niyyat kaafi hai har do rakat par niyyat shart nahin.

📒FATAWA RAHEEMIYYAH 1/354

📙MASAILE TARAWEEH RAFAT 70,71

✏Mufti Imran Ismail memon Hanfi gufir lahu

🕌Ustaze Darul Uloom
Rampra, Surat, Gujarat, India.

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Wednesday, May 24, 2017

ROZE KE MAKROOHAAT

*ROZE KE MAKROOHAAT*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1021 ⭕

ROZE KE MAKROOHAAT KYA KYA HAI ?

🔵 AAJ KA JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

1. BILA UZAR KISI CHEEZ KA CHABANA. ALBATTA KISI AURAT KA SHOHAR BAD MIJAZ HO AUR KHANA KHARAB HONE PAR USKE GUSSE HONE KA ANDESHA HO TO  USE NAMAK ZABAN KI NOK PAR RAKH KAR CHAKHANE KI IJAZAT HE.
ISI TARAH AGAR CHHOTE BACHCHE KO ROTI CHABA KAR KHILANE KI ZARURAT HO AUR ROZEDAR AURAT KE ALAVA VAHAN US ZARURAT KA PURA KARNEVALA KOI NA HO TO VOH USE CHABA KAR DE SAKTI HE. LEKIN YE EHTIYAT HONA CHAHIYE KE AESA KARNE ME NAMAK YA ROTI KA KOI HISSA HALAQ KE NICHE NA UTARNE PAYE. VARNA ROZA JATA RAHEGA.

2. ROZE KI HALAT ME TOOTHPASTE  ISTIMAL KARNA. KOYLA YA KOI MANJAN DANTO ME MALNA YA AURAT KA IS TARAH HONTH PAR SURKHI LIPSTICK LAGANA KE USKE PET ME CHALE JANE KA ANDESHA HO.

3. ROZE KI HALAT ME BIVI SE DIL LAGI KARNA BHI MAKRUH HE. JAB KE JIMAA-SOHBAT YA INZAL-MANI NIKALNE KA KHOF  HO.

4. ROZE ME HAR AESA KAAM KARNA MAKRUH HE JIS SE IS QADAR KAMZORI KA ANDESHA HO KE ROZA TODNA PADEGA.

5. NAAK ME PANI CHADHANE AUR KULLI KARNE ME MUBALAG -HAD SE ZAYADATI KARNA.

6. SAHRI ME ITNI TAKHEER KARNA KE WAQT ME SHAK PEDA HO JAYE.

7. NAHANE KI HAJAT HO JANE PAR JANBUJH KAR SUBAH SADIQ KE BAAD TAK GUSAL ME TAKHEER KARNA.

8. BEQARARI AUR GHABRAHAT ZAHIR KARNA.

9. MUH ME THOOK JAMA KARKE NIGALNA.
WESE BILA JAMA KIYE NIGALNA MAKOOH NAHI

10. ROZE KI HALAT ME KISI BHI QISAM KE GUNAH KA KAM KARNA.

(SAVME MAHMUD SAFA 30, 31)
و اللہ اعلم
📝 Mufti Imran Ismail Memon.

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रोज़े के  मकरूहात

*रोज़े के  मकरूहात*

⭕आज  का  सवाल  नंबर  १०२१⭕

रोज़े  के  मकरूहात  क्या  क्या  है ?

🔵 आज  का  जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

१. बिला उजर   किसी  चीज़  का  चबाना. अलबत्ता  किसी  औरत  का  शोहर  बद  मिजाज़  हो  और  खाना  ख़राब  होने  पर  उसके  गुस्से  होने  का  अंदेशा  हो  तो   उसे  नमक  ज़बान  की  नोक  पर  रख  कर  चखने  की  इजाज़त  हे.
इसी  तरह  अगर  छोटे  बच्चे  को  रोटी  चबा  कर  खिलlने  की  ज़रूरत  हो  और  रोज़ेदार   औरत  के  अलावा  वहां  उस  ज़रूरत  का  पूरा  करनेवाला  कोई  ना हो  तो  वोह  उसे  चबा  कर  दे  सकती  हे. लेकिन  ये एहतियात  होना  चाहिए  के ऐसा  करने  में  नमक या  रोटी का  कोई  हिस्सा  हलक़  के  निचे  न  उतरने  पाए. वरना  रोज़ा  जाता  रहेगा.

२. रोज़े  की  हालत  में  टूथपेस्ट   इस्तिमाल  करना. कोयला  या  कोई  मंजन दांतो  में  मलना  या  औरत  का  इस  तरह  होंठ  पर  सुर्खी  लिपस्टिक  लगाना  के  उसके  पेट  में  चले  जाने  का  अंदेशा  हो.

३. रोज़े  की  हालत  में  बीवी  से  दिललगी  करना  भी  मकरूह  हे. जब  के  जिमा-सोहबत  या  इंज़ाल-मनी  निकलने  का  खौफ हो.

४. रोज़े  में  हर ऐसा  काम  करना  मकरूह  हे  जिस  से  इस  क़दर  कमज़ोरी  का  अंदेशा  हो  के  रोज़ा  तोडना  पड़ेगा.

५. नाक  में  पानी  चढाने  और  कुल्ली  करने  में  मुबलग -हद से  ज़यादती  करना.

६. सहरी  में  इतनी  ताख़ीर  करना  के  वक़्त  में  शक  पैदा  हो  जाये.

७. नहाने  की  हाजत  हो  जाने  पर  जानबूझ  कर  सुबह  सादिक़  के  बाद  तक  गुसल  में  ताख़ीर  करना.

८. बेक़रारी और  घबराहट  ज़ाहिर  करना.

९. मुँह  में  थूक  जमा  करके  निगलना.
वैसे  बिला  जमा  किये  निगलना मकरूह नहीं

१०. रोज़े  की  हालत  में  किसी  भी  किसम  के  गुनाह  का  काम  करना.

(सवमे  महमूद  सफा ३०, ३१)
واللہ اعلم

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Tuesday, May 23, 2017

ROZE KO NA TODNEWALI CHEEZEN PART 2

*ROZE KO NA TODNEWALI CHEEZEN PART 2*

⭕ AAJ KA SAWAL NO.1020 ⭕

Roza kin kin cheezon se nahi tootta hai ?

🔵 AAJ KA JAWAB🔵

حامدا و مصلیا و مسلما
Roza niche di gai cheezon Na tootta hai Na makrooh hota hai?

(Kal ka baqi msg)

19. thuk, balgam nigalna

20. paan khane ke baad kulli aur gargarah kiya lekeen us ki surkhi-lalash munh me baqi rah gai jis ka asar thuk ke sath halaq me jana

21. bila ikhtitar khud ba khud traffic, khane, loban ya dawai ke chhantkaw ka dhunwa halaq ya naak me jana

22. kulli karne ke bad pani ka asar-tari ka halaq me jana

23. baam ya cream lagana

24. badnigahi ya badkhyali ki wajha se mazi ka nikalna

25. kamzor admi ka bv ko buri nazar se dekhne ya bv se sohbat ke tasawwur ki wajha se inzal-mani ka nikal jana.

Agar gair mahram,nangi tasweer ya film dekhne se inzal ho to is gunah se roza makrooh hoga

26. bv ko bosa lena

27. miswak karna jis ka maza bhi zuban par mahsoos ho

28. zere naaf ya bagal ke baal katna

29. heart ki bimari me zaban ke niche goli rakhna basharte ke us ka dawai ke ajazaa luaab-thuk ke sath halaq me na jaye.

30. khun test karana

31. Dialysis karana

32. janabat ki halat me sahri karna aur subsh sadiq ke baad gusl karna

33. nahate huwe, barish me bhigte huwe ya terte huwe bila ikhtiyar paani kan me chala jana

34. kaan se mel nikalna chahe us ke liye salaai kitni hi martaba kaan me dalni pade

35. gardo gubaar-dhul mitti ka bila ikhtiyar halaq ya naak me dakhil ho jaye

36. pichhe ke raste me masse par ya zakham par dawai lagana

37. sahri ka waqt khatm hone aelan ya roze ke time tebal ke waqt bad bhi khate raha lekeen subah sadiq se pehle ruk gaya lekeen aesa nahi karna chahiye is me roza fasid hone ka khatrah hai

📗kitabul masail 2/safa 77 se 84 ka khulasa
📘 masaile roza (rafat) 59 se 70 ka khulasa
 
و اللہ اعلم

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रोज़े को न तोड़ने वाली चीज़ें पार्ट २

*रोज़े  को  न  तोड़ने वाली  चीज़ें  पार्ट  २*

⭕आज  का  सवाल  नंबर  १०२०⭕

रोज़ा  किन  किन  चीज़ों  से  नहीं टूटता?

🔵 आज  का   जवाब 🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

रोज़ा  निचे  दी  गई  चीज़ों  से  न  टूटता  है, न  मकरूह  होता  है.

कल  का  बाक़ी  मेसेज

१९. थूक, बलगम  निगलना

२०. पान  खाने  के  बाद  कुल्ली  और  गरगराह किया  लेकिन  उस  की  सुर्खी-लालश  मुंह  में  बाक़ी  रह  गई  जिस  का  असर  थूक  के  साथ  हलक़  में  जाना

२१. बिला  इख़्तितार  खुद  बा  खुद  ट्राफिक, खाने, लोबान  या  दवाई  के  छंटकाव  का  धुंवा  हलक़  या  नाक  में  जाना

२२. कुल्ली  करने  के  बाद  पानी  का असर-तारी  का  हलक़  में  जाना

२३. बाम  या  क्रीम  लगाना

२४. बदनिगाही  या  बदख्याली  की  वजह  से  मज़ी  का  निकलना

२५. कमज़ोर  आदमी  का  बीवी  को  बुरी  नज़र  से  देखने  या  बीवी  से  सोहबत  के  तसव्वुर  की  वजह  से  इंज़ाल-मनि का  निकल  जाना.

अगर  गैर  महरम, नंगी  तस्वीर  या  फिल्म  देखने  से  इंज़ाल  हो  तो  इस  गुनाह  से  रोज़ा  मकरूह  होगा.

२६. बीवी  को  बोसा  लेना

२७ . मिस्वाक  करना  जिस  का  मज़ा  भी  ज़ुबान  पर  महसूस  हो

२८. ज़ेरे  नाफ  या  बगल  के  बाल  काटना

२९. हार्ट  की  बीमारी  में  ज़बान  के  निचे  गोली  रखना  बशर्ते  के  उस  का  दवाई  के  अजज़ा  लुआब-थूक  के  साथ  हलक़  में  न  जाये.

३०. खून  टेस्ट  करना

३१. डायलिसिस  कराना  

३२. जनाबत  की  हालत  में  सहरी  करना  और  सुबह   सादिक़  के  बाद  ग़ुस्ल  करना

३३. नहाते  हुवे, बारिश  में  भीगते  हुवे  या  तैरते  हुवे  बिला  इख़्तियार  पानी  कान  में  चला  जाना

३४. कान  से  मेल  निकलना  चाहे  उस  के  लिए  सलाई  कितनी  ही  मर्तबा  कान  में  डालनी  पड़े

३५. गर्दो  गुबार-धूल  मिटटी  का  बिला  इख़्तियार  हलक़  या  नाक  में  दाखिल  हो  जाये

३६.पीछे  के  रास्ते  में  मस्से  पर  या  ज़ख़्म  पर  दवाई  लगाना

३७. सहरी  का  वक़्त  ख़त्म  होने  ऐलान  या  रोज़े  के  टाइम  टेबल  के  वक़्त  बाद  भी  खाते  रहा  लेकिन  सुबह  सादिक़  से  पहले  रुक  गया  लेकिन  ऐसा  नहीं  करना चाहिए  इस  में  रोज़ा  फ़ासिद  होने  का  खतराह  है

📗किताबुल  मसाइल  २/सफा   ७७  से  ८४  का  खुलासा 
📘 मसाइल  रोज़ा  (रफत) ५९  से  ७०  का  खुलासा

واللہ اعلم

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Monday, May 22, 2017

ROZAH NA TODNEWALI CHIZEN PART 1

*ROZAH NA TODNEWALI CHIZEN PART 1*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1019 ⭕

Woh chizen Jinse Rozah Nahin Tuttaa aur Na hi Makrooh hota hai kon konsi hain ?

🔴JAWAB🔴

1- Taazah Miswaak karna

2- Sar ya Munchho per Tel (oil) lagaana

3- Injection ya teeka lagvana,

4- Aankh me Dava daalna ya Surma lagana

5- Khushbu lagana,

6- Garmi aur Pyas ki wajah se gusl karna Agarche paani ki thandak jism ke andar mahsus ho

7- Bhool kar Khaa pee lena ya bhool kar sohbat karna

8- Halak me bilaa ikhtiyar Dhunwa ya makkhi, machhar ka chala Jana,

9- Khud ba Khud qai (vomiting) ho Jana chahe kitni hee ho

10 - Sote hue ahatlaam ho Jana

11- Daanto me khoon aaye magar halak me na jaye

12- Dakaar aana jiski wajah se khane ka mazaa halak me mahsoos hona

13. Phool ya attar ki khushbu sunghna

14. Bhiga huwa rumaal sar par lapetna

15. Bimari ki wajah se glucose, blood chadhana

16. Oxygen lena

17. Naak-rint zor se sidakna-khichna jiski wajah se halak me chali jaye

18. Raal tapakne ko ho to use munh me khinch lena.

(BAAQI KAL MSG 1020 ME INSHA ALLAH)

📗KATABUL MASAIL 2/77

📕MASAILE ROZA 59
 
و اللہ اعلم

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AETIKAF KE MAKRUHAAT

*AETIKAF KE MAKRUHAAT* ⭕AAJ KA SAWAL NO.2101⭕ Aetikaaf kin cheezon se makrooh hota hai?  🔵JAWAB🔵 Aetikaf niche dee hui baton se makrooh ho...